सोनीपत। हरियाणा के नगर निगमों में शामिल गांवों को बीते दो साल से
सम्पत्ति कर में मिल रही छूट को भाजपा सरकार बरकरार रखने की तैयारी में है।
सत्ता-संगठन के सामंजस्य और जमीनी स्तर पर मिले फीडबैक के आधार पर अगले 2
साल तक यह राहत देने पर विचार हो रहा है, जिससे लाखों ग्रामीण उपभोक्ताओं
को फायदा पहुंचेगा। ये भी पढ़ें - अपने राज्य - शहर की खबर अख़बार से पहले पढ़ने के लिए क्लिक करे
बीते
वर्ष भाजपा सरकार द्वारा नए निगम के तौर पर शामिल हुए सोनीपत में दो साल
और अन्य नगर निगमों में एक साल तक निगम में जोड़े गए गांवो के उपभोक्ताओं
को सम्पत्ति कर अदा करने में राहत प्रदान की गई थी। शहरी स्थानीय निकाय
मंत्री कविता जैन के प्रस्ताव पर मुख्यमंत्री मनोहर लाल
द्वारा दी गई इस मंजूरी की समय सीमा 31 मार्च, 2018 तक खत्म हो रही है।
भाजपा
सरकार के सामने शहरी क्षेत्र में पालिकाओं को अपग्रेड करने के दौरान उनमे
शामिल किए गए गांवों के उपभोक्ताओं ने बीते वर्ष आवाज उठाई थी कि उन्हें
निगम में शामिल करने के उपरांत मूलभूत सुविधाएं देने से पहले ही सम्पत्ति
कर वसूला जाना गलत है, इसे लेकर ग्रामीण उपभोक्ताओं की मंशा को भांपते हुए
भाजपा सरकार ने शहरी स्थानीय निकाय विभाग को तत्काल में प्रस्ताव तैयार
करने के निर्देश दिए और नागरिकों के विरोध के स्वर ऊंचे होने से पहले ही
उन्हें राहत प्रदान कर दी। सालभर में निगम में शामिल हुए गांवों में मूलभूत
ढांचा मजबूत करने के मकसद से गलियां, सामुदायिक भवन, पार्क, सार्वजनिक
शौचालय, स्ट्रीट लाइट स्थापित करने पर जोर दिया गया। अमु्रत योजना के तहत
भी प्रदेश के 20 शहरों में पेयजलापूर्ति, सीवरेज, पर्यावरण, परिवहन समेत
विभिन्न महत्वपूर्ण बिंदुओं पर काम शुरू हुए, जिसमें तीन शहरों के 750 करोड
रूपए के काम करवाए जा रहे हैं, जबकि अन्य के एस्टीमेट तैयार हो चुके
हैं।
सरकार
निगम में शामिल गांवों के उपभोक्ताओं की सम्पत्ति कर छूट को बरकरार रखने
की तैयारी कर रही है। इसमें सरकार की मंशा इस राहत को 2 साल तक बढ़ाने की
है, ताकि निगम गांवो के ग्रामीणों को राहत दी जा सके। इससे लाखों
उपभोक्ताओं को राहत देकर सरकार उनके विरोध को उठने से पहले ही रोकने की
तैयारी में है।इस
संबंध में शहरी स्थानीय निकाय मंत्री कविता जैन का कहना है कि नगर निगमों
के माध्यम से उनके पास मांगपत्र आए हैं, जिसमें निगम के दायरे में आने वाले
गांवों के लोगों को सम्पत्ति कर छूट जारी रखने की मांग की गई है। इस
प्रस्ताव पर अभी विचार चल रहा है और भविष्य में इसपर स्थिति स्पष्ट कर दी
जाएगी।
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