चंडीगढ़। हरियाणा
के मुख्यमंत्री मनोहर लाल ने राई, जिला सोनीपत के बढख़ालसा मैमोरियल
में महाबलिदानी कुशाल सिंह दहिया (कुशाली) की प्रतिमा का अनावरण करते हुए
बढख़ालसा के ग्रामीणों के संघर्ष का स्मरण किया तथा कुशाल सिंह दहिया की
कुर्बानी से प्रेरणा लेने का आह्वान किया। उन्होंने बढख़ालसा के ग्रामीणों
की जमीन के मामले का अति शीघ्र समाधान करने का आश्वासन दिया और कहा कि
स्टांप ड्यूटी संबंधी तकनीकी पेंच को दूर कर दिया गया है।
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मुख्यमंत्री ने राष्ट्रीय राजमार्ग-1 स्थित बढख़ालसा मैमोरियल में
गुरु तेग बहादुर के शीश के लिए अपने शीश का बलिदान करने वाले कुशाल सिंह
दहिया की प्रतिमा का आज लोकार्पण किया। उन्होंने कहा कि यह ऐसा अवसर है
जिसका जुड़ाव इतिहास से है। उन्होंने ऐतिहासिक घटना का जिक्र करते हुए कहा
कि शायद इस गांव का नाम भी उसी ऐतिहासिक घटना के कारण पड़ा है।
मुख्यमंत्री ने कहा कि हिंदुस्तान में औरंगजेब के शासनकाल में गुरु
तेग बहादुर का वध कर दिया गया था। उनके शिष्य गुरुजी के शीश को आनंदपुर
साहिब लेकर जाने को प्रयासरत थे। इस मार्ग से गुजरने के दौरान उनका ठहराव
यहां हुआ, जिसकी जानकारी कुशाल सिंह को मिली। सारे घटनाक्रम से अवगत होने
पर कुशाल सिंह ने कहा कि गुरु तेग बहादुर के शीश को सकुशल आनंदपुर साहिब
पहुंचाना बहुत कठिन है, क्योंकि औरंगजेब की सेना ऐसा होने नहीं देगी। इसलिए
कुशाल ने अपने शीश की पेशकश करते हुए कहा कि उनकी शक्ल गुरु जी से मिलती
है, तो उनकी गर्दन काट लिजिए जिससे औरंगजेब की सेना धोखा खा जाएगी। यह घटना
रौंगटे खड़े कर देने वाली है। खुद अपनी गर्दन कटवाना महाबलिदान और साहस
भरा कार्य था। उन्होंने कहा कि आज हम ऐसे वीर पुरुष को नतमस्तक होते हुए
उन्हें श्रद्धांजलि देते हैं।
मुख्यमंत्री श्री मनोहर लाल ने कहा कि कुशाल सिंह का बलिदान अमर है।
वे इतिहास में अमर हो गए हैं। बढख़ालसा मैमोरियल में कुशाल की प्रतिमा का
अनावरण उनकी अमरता का प्रतीक है। उन्होंने युवाओं का आह्वान किया कि वे ऐसे
वीरपुरुषों व उनकी जीवनीयों से सदैव प्रेरणा लें। उन्होंने कहा कि देश की
आजादी से पहले नारा था कि देश के लिए मरना सीखो। अब देश आजाद है जिसने इस
नारे को बदल दिया है। अब युवाओं को देश के लिए जीना सीखना चाहिए। अपने लिए
तो सब जीते हैं किंतुु अनुकरणीय जीवन वही है जो देश को समर्पित हो।
इस दौरान चरण सिंह के नेतृत्व में फिल्म पद्मावती के विरोध में
मुख्यमंत्री को एक ज्ञापन भी सौंपा गया। कार्यक्रम में पहुंचने पर हरियाणा
राज्य कृषि विपणन बोर्ड की चेयरपर्सन एवं पूर्व मंत्री कृष्णा गहलावत ने
मुख्यमंत्री को बुक्के भेंट कर स्वागत किया। कुशाल सिंह के वंशज रामधन
चौधरी ने भी मुख्यमंत्री का स्वागत किया। साथ ही बढख़ालसा मैमोरियल कमेटी ने
मुख्यमंत्री सहित सभी अतिथियों को सिरोपा भेंट कर स मानित किया।
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