रोहतक।
गौरक्षा आंदोलन के अध्यक्ष संत गोपाल दास ने गोचरान की भूमि को लेकर
प्रदेश सरकार की गंभीरता पर सवाल उठाया है। उन्होंने कहा कि गाय को बचाने
का दावा करने वाली सरकार सिर्फ घोषणाओं तक सीमित है। उन्होंने कहा कि
प्रदेश सरकार की कथनी और करनी में अंतर है। संत गोपाल दास ने ऐलान किया कि
वे जल्द ही रोहतक से एक बार फिर आंदोलन की शुरूआत करेंगे। ये भी पढ़ें - अपने राज्य - शहर की खबर अख़बार से पहले पढ़ने के लिए क्लिक करे
संत
गोपाल दास शुक्रवार को रोहतक में थे। यहां पत्रकारों से बातचीत में
उन्होंने कहा कि प्रदेश में अभी तक कहीं भी गोचरान की भूमि खाली नहीं हुई
है, इसके लिए प्रदेश सरकार जिम्मेदार है। सरकार ने भूमि खाली कराने के लिए
कोई कदम नहीं उठाया है। उन्होंने कहा कि प्रदेश में भाजपा सरकार के गठन के
बाद एक उम्मीद की किरण जागी थी, लेकिन सरकार ने कुछ नहीं किया। यही नहीं
सरकार ने गाय को बचाने के लिए कानून बनाए हुए हैं, लेकिन इन्हें पूरी तरह
से लागू नहीं किया गया है।
गौरक्षा आंदोलन के अध्यक्ष ने कहा कि गौ
संरक्षण संवर्धन के लिए सिर्फ 3 करोड़ रूपए पास किए गए हैं, वहीं गोचरान
की जमीन की बोली लगवाकर 2 हजार 378 करोड़ रुपए इकट्ठा कर लिए गए, लेकिन
प्रदेश की गोचरान की साढ़े 4 लाख एकड़ जमीन को आज तक खाली नहीं कराया गया
है। संत गोपाल दास ने सरकार से गोचरान की जमीन से इकट्ठा किए गए 2 हजार 378
करोड़ रुपए को लेकर जवाब मांगा है।
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