जिस
बलजीत कौर नाम की नर्स को सस्पेंड किया गया है, वह खुद को निर्दोष बता रही
है, उनका कहना है बच्चा गायब हुआ है, इसके लिए सिर्फ उसी पर ठीकरा फोड़ा
गया है, बल्कि जिम्मेदार तो पूरी व्यवस्था है। जिन डाक्टर्स की ड्यूटी थी,
वे वहां से नदारद थी। दो डिलीवरी अकेले उसी ने कराई, कोई सीनियर मौजूद नहीं
था, बाद में नर्सिंग केयर भी अकेले मैंने ही दी। मेरी गलती सिर्फ इतनी रही
कि मैं हाथ धोने लग गई और उसी दौरान बच्चा गायब हो गया। क्या किसी की
जिम्मेदारी नहीं है कि कोई भी अन्दर आए और बच्चे को उठाकर बाहर ले जाए, कोई
रोकने-टोकने वाला नहीं। कहां गायब था पूरा का पूरा स्टॉफ, न डाक्टर, न
स्टॉफ नर्स, न सिक्योरिटी गार्ड, न बेयरर और न ही सफाईकर्मी। वहीं, इस पूरे
घटनाक्रम पर पीजीआई के मेडीकल सुपरिडेंट डा. अशोक चौहान ने कहा कि
लापरवाही बरती गई है तो स्टॉफ नर्स पर कार्रवाई की गई है, सीसीटीवी कैमरे
चालू नहीं थे तो उस पर भी कार्रवाई की जाएगी। डाक्टर्स को इस मामले में
क्यों क्लीन चिट दी गई, इस पर उन्होंने कहा कि ऐसा नहीं है, जांच की जा रही
है और जो भी दोषी मिलेगा, उस पर एक्शन लिया जाएगा। ये भी पढ़ें - यहां सुहाग उजड़ने के भय से करवा चौथ का व्रत नहीं
एक बात साफ हो गई कि यहां के डाक्टर्स
चाहे कितने भी गुनाह करें, उनका कोई कुछ नहीं बिगाड़ सकता, क्योंकि ऊंचे पदों
पर उन्हीं के माई-बाप बैठे हैं, जो उनका कुछ नहीं बिगडने देंगे। इस मामले
में भी ऐसा ही हुआ है, स्वास्थ्य मंत्री टंकियों पर चढ़कर पानी तो चेक कर
लेते हैं, लेकिन खुद का महकमा कितना बीमार है, इसकी उन्हें भी सुध नहीं है।
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