रोहतक। नेशनल हेल्थ मिशन (एनएचएम) के तहत रोहतक में काम कर रहे 263 कर्मचारियों को बर्खास्त कर दिया गया है। प्रदेश सरकार के आदेश के बाद इन कर्मियों पर यह कार्रवाई की गई है। ड्यूटी पर न लौटने के चलते इन कर्मियों को बर्खास्त किया गया है। वहीं, हड़ताल के सातवें दिन एनएचएच कर्मियों ने भीख मांग कर विरोध जताया। ये भी पढ़ें - अपने राज्य - शहर की खबर अख़बार से पहले पढ़ने के लिए क्लिक करे
एनएचएम के अंतर्गत स्वास्थ्य विभाग में क्लर्क, कंप्यूटर ऑपरेटर, लैब टेक्नीशियन, नर्स, एएनएम व चतुर्थी श्रेणी कर्मी सेवाएं दे रहे हैं। लेकिन पिछले 7 दिन से प्रदेश भर में ये कर्मचारी स्थाई नियुक्ति, वेतन लाभ, बढ़ोतरी आदि मांगों को लेकर हड़ताल पर हैं। इनकी मांग है कि उन्हें समान काम, समान वेतन दिया जाए। एनएचएम कर्मियों का कहना है कि सरकार उनकी मांगों की ओर ध्यान नहीं दे रही है। जिससे कर्मियों में रोष है। कर्मचारियों का कहना है कि सरकार की नाजायज नीतियां स्वास्थ्य सुविधाओं पर भारी पड़ रही हैं। जब तक सरकार उनकी मांगों को नहीं मान लेती, तब तक हड़ताल जारी रहेगी। सोमवार को भी एनएचएम कर्मचारी रोहतक में सिविल सर्जन कार्यालय के सामने धरने पर बैठे रहे।
इस बीच प्रदेश सरकार ने सभी हड़ताली कर्मियों को काम पर लौटने की अपील भी की। उन्हें सोमवार दोपहर 12 बजे तक का समय दिया गया। लेकिन जब ज्यादातर कर्मी काम पर नहीं लौटे तो रोहतक में 263 एनएचएम कर्मियों को बर्खास्त करने के आदेश जारी कर दिए गए। सीएमओ डा. दीपा जाखड़ का कहना है कि हड़ताली कर्मचारी विभाग के अंतर्गत नहीं रहे। अब मामला सरकार के अधीन है और जैसे ही आदेश आएंगे, वैसे ही अगली कार्यवाही भी की जाएगी।
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