पानीपत। हरियाणा और उत्तरप्रदेश के हजारों किसानों की रोजी-रोटी का आधार यमुना नदी सूख कर रेगिस्तान बन चुकी है। इसकी वजह से हरियाणा और उत्तर प्रदेश के करीब 12 हजार किसान बर्बाद हो चुके हैं, क्योंकि हर साल इसी यमुना नदी में ये लोग खेतीबाड़ी के कर अपना और परिवार का पेट पालते हैं। कुछ किसानों का तो यहा तक दावा है कि इस बार बिन पानी के फसल बर्बाद होने के कारण अपनी बेटियों की शादी नहीं कर सके। यमुना सुधार समिति के एक सर्वे के अनुसार इस वर्ष यमुना से लगते यूपी के गावो में 300 से ज्यादा लड़कियों की शादी होनी थी जो फसल बर्बाद होने की वजह से रुक गई। ये भी पढ़ें - अपने राज्य - शहर की खबर अख़बार से पहले पढ़ने के लिए क्लिक करे
समिति का आरोप है कि यमुनानगर के पास एक विधायक अवैध रूप से खान चलवा रहा है जिसकी वजह से पानी नही आ रहा। यमुना नदी में हालात इस कदर बिगड़ चुके हैं कि जीव जन्तू यहां पर प्यासे मर रहे हैं । 3 दिन बाद यमुना नदी पर गंगा दशहरा है और इस मौके पर हजारों की तादात में श्रद्धालुओं के आने की संभावना है, जबकि यमुना में एक बूंद पानी तक नही है। नौबत यहां तक आ चुकी है कि इस पर्व के लिए यमुना में ट्यूबबेल लगाकर पानी एकत्रित किया जा रहा है।
कभी जो यमुना नदी अपने पानी से हरियाणा उतरप्रदेश और दिल्ली जैसे महानगर की प्यास बुझती थी आज वह खुद बूंद- बूंद के लिए तरस रही है। हजारों की संख्या में यमुना के पानी मे खेती करने वाले किसान यहा से पलायन कर चुके हैं। पानी नहीं मिलने से परेशान पशु-पक्षी दम तोड़ रहे है।
यमुना सुधार समिति के सदस्यों का आरोप है यमुना नगर के एक नेता यमुना में अवैध खनन करवा रहे हैं, इसलिए यमुना के पानी को रोका जा रहा है। एक जमाना था जब यमुना लबालब पानी से भरी दिखती थी और इसके आस-पास के क्षेत्र में हरियाली ही हरियाली थी, लेकिन आज क्षेत्र में पानी की कमी से सूखे जैसे हालात हैं। यमुना नदी के सूखने से आस-पास का वाटर लेवल भी नीचे जा रहा है। जिसके कारण लोगों को गहरे बोरिंग करवाने पड़ रहे हैं।
वही दूसरी ओर यमुना में आस्था रखने वाले हरियाणा और यूपी के लोगों मे स्थानीय प्रशासन से लेकर सरकारों के प्रति रोष है। दोनों तरफ के किसान प्रशासन से यमुना में पानी लाने की गुहार लगा चुके हैं। बावजूद इसके प्रशासन मौन है। लिहाजा दोनों राज्यो के लोगों ने मिलकर फैसला लिया है कि आने वाले दशहरे पर श्रदालुओ के लिए यमुना में पानी का इंतजाम करेंगे। ऐसा नही है कि यमुना में आस्था केवल यहां पर हिन्दू रखते हैं मुस्लिम धर्म से सम्बन्ध रखने वाले नौजवान भी यमुना सुधार समिति से जुडक़र यमुना में पानी लाने का प्रयास कर रहे हैं। ऐसे में अब सरकार को लाखों लोगों की आस्था को देखते हुए पानी की व्यवस्था करनी चाहिए।
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