पंचकूला । हरियाणा के मुख्यमंत्री मनोहरलाल ने विपक्षी दलों से आग्रह किया है कि वे धैर्य रखे और सतलुज यमुना नहर के मुद्दों पर किसी प्रकार का आंदोलन न करें। उन्हें स्वयं सर्वोच्च न्यायालय पर पूरा विश्वास है और हरियाणा को सतलुज यमुना लिंक नहर से उसके हिस्से का पानी मिलकर रहेगा। ये भी पढ़ें - अपने राज्य - शहर की खबर अख़बार से पहले पढ़ने के लिए क्लिक करे
मुख्यमंत्री रविवार को पंचकूला में 83.64 करोड़ रुपये की लागत से निर्मित तीन परियोजनाओं का लोकार्पण करने उपरांत पत्रकारों से बातचीत कर रहे थे।
जब उनसे 7 मार्च को इनेलो के दिल्ली में प्रस्तावित आंदोलन के संबंध में प्रतिक्रिया जाननी चाही तो मुख्यमंत्री ने प्रतिक्रिया व्यक्त करते हुए कहा कि सर्वोच्च न्यायालय ने हरियाणा के हक में फैसला दिया है और अब सिर्फ सर्वोच्च न्यायालय के आदेशों को क्रियांवित किया जाना है। हमें शीर्ष अदालत पर पूरा विश्वास है। विपक्षी दलों को भी सर्वोच्च न्यायालय के निर्णय पर भरोसा होना चाहिए। उन्होंने कहा कि एसवाईएल का मुद्दा सर्वोच्च न्यायालय में राष्ट्रपति संदर्भ के लिए 10-12 वर्षों से लंबित था। वर्तमान राज्य सरकार ने सर्वोच्च न्यायालय में मामले की जोरदार पैरवी की और इस पर नियमित सुनवाई की गई, जिसके परिणामस्वरूप सर्वोच्च न्यायालय ने हरियाणा के हक में फैसला दिया।
एक अन्य प्रश्र के उत्तर में मुख्यमंत्री ने कहा कि विपक्षी दलों को जनता के हितों से खिलवाड़ नहीं करना चाहिए बल्कि सरकार को सकारात्मक सुझाव देने चाहिए। उन्होंने कहा कि राज्य सरकार नवंबर में छात्र संघ चुनाव करने की पहले ही घोषणा कर चुकी है और आगामी शैक्षणिक सत्र में छात्र संघ चुनाव होंगे। इनेलो का धरना प्रदर्शन इस मुद्दे पर न्याय संगत नहीं है। ऐसे मामलों में जब एक मुद्दे पर सहमति हो चुकी है तो ऐसी औछी हरकतों से बाज आना चाहिए। उन्होंने कहा कि हम उन्हीं बातों का वायदा करते है, जिन्हें पूरा किया जा सकता है।
आंगनबाड़ी कार्यकर्ताओं और हेल्परों के संबंध में पूछे गए एक प्रश्र के उत्तर में मुख्यमंत्री ने कहा कि लोकहित में इन्हें अपना आंदोलन हटाना लेना चाहिए, उनकी सभी जायज मांगे पर सहानुभूतिपूर्वक विचार किया जा रहा है। उन्होंने कहा कि यह स्कीम केंद्र सरकार द्वारा वर्षों से चलाई जा रही है, राज्य सरकार भी अपना हिस्सा दे रही है हालांकि राज्य सरकार इन कर्मचारियों को अपने हिस्से से कई ज्यादा दे रही है। यदि कोई मामला है तो उसे सुलझा लिया जाएगा। महिला एवं बाल विकास विभाग के अधिकारियों के साथ आंदोलनकारी कर्मचारियों की पिछले तीन दिनों बातचीत हुई है। उन्होंने कहा कि यदि आवश्यकता हुई तो वे स्वयं भी इस मुद्दे पर बैठक बुलाएंगे, जो उनके हित में होगा, हर संभव किया जाएगा।
रियल स्टेट विनायमक प्राधीकरण के संबंध में पूछे जाने पर उन्होंने कहा कि इस प्राधिकरण का गठन केंद्रीय अधिनियम और भाारत सरकार के दिशा निर्देशानुसार किया गया है। यह प्राधिकरण खरीदारों व डव्लपर्स के बीच विवादों के निपटान में मद्द करेगा।
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