पंचकूला । भारत के सुप्रीम कोर्ट के न्यायाधीश और राष्ट्रीय विधिक सेवाएं प्राधिकरण के कार्यकारी अध्यक्ष न्यायामूर्ति दीपक मिश्रा ने कहा कि दूर-दराज के इलाकों के जेलों में बंद कैदियों को कानूनी सेवाएं मिलें इसके लिए कानूनी सहायता केन्द्र खोले जा रहे हैं, जिसके अंतर्गत रविवार को यहां पंचकूला में न्याय सहयोग केन्द्र को शुरू किया गया है। ये भी पढ़ें - अपने राज्य - शहर की खबर अख़बार से पहले पढ़ने के लिए क्लिक करे
सुप्रीम कोर्ट के न्यायाधीश एवं राष्ट्रीय विधिक सेवाएं प्राधिकरण के कार्यकारी अध्यक्ष न्यायामूर्ति दीपक मिश्रा ने यहां नजदीक पंचकूला के सैक्टर-14 में प्रदेश की जेलों में बंद कैदियों को कानूनी सेवाएं मुहैया करवाने के उद्देश्य से खोले गए न्याय सहयोग केन्द्र का शुभारंभ किया। इस मौके पर उन्होंने वीडियो कान्फ्रेंंसिंग की सुविधा का भी शुभारंभ किया और हिसार व सिरसा के जेल प्रशासन के अधिकारियों से बातचीत भी की।
न्यायमूर्ति दीपक मिश्रा ने हिसार जिला के जेल प्रशासन के अधिकारी से वीडियो कान्फ्रेंसिंग के माध्यम से बातचीत करते हुए पूछा कि 60 वर्ष से ऊपर की आयु के कितने कैदी है, इस पर, संबंधित अधिकारी ने बताया कि 36 कैदी है जिनकी आयु 65 से 70 वर्ष है। न्यायमूर्ति मिश्रा ने हिसार जिला के जेल प्रशासन के अधिकारी को निर्देश दिए कि वे बुजुर्ग कैदियों की सूची बनाएं और उन्हें कानूनी सेवाएं देने की सुविधा प्रदान करें। न्यायमूर्ति मिश्रा ने जिला सिरसा के जेल प्रशासन के अधिकारी से वीडियो कान्फ्रेंसिंग के माध्यम से पूछा कि सिरसा जेल में कितने कैदी है, इस पर, सिरसा जेल प्रशासन के अधिकारी ने बताया कि सिरसा जेल में 248 कैदी है और 60 वर्ष से ऊपर की आयु के 18 कैदी है, जिन पर विभिन्न धाराओं के आरोप हैं। न्यायमूर्ति ने सिरसा जेल के अधिकारी को निर्देश दिए कि वे अनुबंधित काऊसिंल की सूची बनाएं और अथोरिटी को भेंजें। सिरसा जेल के अधिकारी ने बताया कि उनकी जेल में 42 महिला कैदी है, जिनमें से 15 महिला कैदियों को सजा हो चुकी है। उन्होंने बताया कि इनमें से 6 महिला कैदियों ने हाई कोर्ट में अपनी अपील भी की हुई है, इस पर, न्यायमूर्ति ने संबंधित अधिकारी को निर्देश दिए कि वे सभी कैदियों द्वारा की गई अपीलों के नंबर को सूचीबद्ध करें और अथोरिटी को भेजें ताकि अथोरिटी उन अपील का फोलो-अप रख सकें।
पंचकूला में न्याय सहयोग केन्द्र का शुभारंभ करने के उपरांत मीडिया से बातचीत करते हुए उन्होंने कहा कि आज पंचकूला में कैदियों को कानूनी सेवाएं मुहैया करवाने के लिए न्याय सहयोग केन्द्र का शुभारंभ किया गया है। उन्होंने कहा कि इसी प्रकार, पंजाब के मोहाली में भी कानून सारथी के नाम से एक केन्द्र का शुभारंभ किया गया है। उन्होंने कहा कि इस प्रकार के केन्द्र खोलने का उदेश्य है कि जेलों में बंद कैदियों को कानूनी सेवाएं मिलें और उनके मामले की पूरी जानकारी उन्हें दी जाए। इसी प्रकार, कानूनी सेवाएं लेने की समस्या जिन कैदियों को आती है, ऐसे केन्द्र उनकी सहायतापं के लिए भी खोले जा रहे हैं। यह केन्द्र एक मास्टर सेंटर के रुप में काम करेगा। उल्लेखनीय है कि इस प्रकार के सहयोग केन्द्र देशभर के 13 राज्यों में खोले जा चुके हैं।
इस अवसर पर पंजाब एवं हरियाणा उच्च न्यायालय के मुख्य न्यायाधीश न्यायमूर्ति एस.जे. वजिफदार, पंजाब एवं हरियाणा उच्च न्यायालय के न्यायाधीश एवं हरियाणा राज्य विधिक सेवाएं प्राधिकरण के कार्यकारी अध्यक्ष न्यायमूर्ति अजय कुमार मित्तल, पंजाब एवं हरियाणा उच्च न्यायालय के न्यायाधीश न्यायमूर्ति जयश्री ठाकुर, पंचकूला के सीजेएम रोहित वत्स, जिला विधिक सेवा प्राधिकरण की सचिव एवं सीजेएम निधि बंसल, हरियाणा के महाधिवक्ता बी.आर. महाजन और महानिदेशक (कारावास) के.पी. सिंह सहित अन्य वरिष्ठ अधिकारी भी उपस्थित थे।
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