नूंह। मेवात मॉडल स्कूल नूंह में रेनू आत्महत्या मामले में तीन अध्यापकों की गिरफ्तारी के बाद गुरुजनों को शिक्षा के मंदिर में पढ़ना तो दूर स्कूल जाने में भी डर लगने लगा है। अध्यापक - अध्यापिकाओं के घर में अब इसी गिरफ्तारी के चर्चे आम हैं। सोमवार से खुलने जा रहे स्कूलों में सीबीएसई की परीक्षा में ड्यूटी देने से भी गुरुजी मना कर चुके हैं। गुरुजियों की हड़ताल का असर परीक्षाओं से लेकर बच्चों की पढ़ाई पर भी पड़ सकता है। सोमवार को अध्यापक क्या रणनीति तैयार करते हैं , अब इस पर सबकी नजरें लगी हैं। ये भी पढ़ें - अपने राज्य - शहर की खबर अख़बार से पहले पढ़ने के लिए क्लिक करे
आपको बता दें कि नूंह मेवात जिले में एमडीए के अधीन आठ स्कूल नूंह, नगीना, मढ़ी, फिरोजपुर झिरका, खानपुर घाटी, पुन्हाना, तावडू के अलावा पलवल जिले के हथीन में मेवात मॉडल स्कूल चल रहे हैं। ध्यान रहे कि ये स्कूल सरकारी हैं। वैसे तो मढ़ी, पुन्हाना से लेकर कई स्कूलों में पहले भी बड़े-बड़े कांड हुए हैं, लेकिन पहली बार अध्यापकों की गिरफ्तारी हुई है। अध्यापकों ने साफ कहा कि बच्चों को अनुशासन का पाठ पढ़ाना, अब उन्हें महंगा पड़ रहा है। मेवात मॉडल स्कूलों के प्रति खराब हो रहे माहौल को देखते हुए अध्यापक एकजुटता करते दिखाई पड़ रहे हैं तो कुछ सीनियर अध्यापक नौकरी छोड़ने तक पर विचार करने लगे हैं। छात्रा रेनू मामले में तीन अध्यापकों की गिरफ्तारी के बाद अब नया मोड़ आ गया है।
अध्यापकों के एक प्रतिनिधिमंडल ने शनिवार शाम को डीसी अशोक कुमार शर्मा तथा एसपी नाजनीन भसीन से भी बातचीत की, लेकिन कोई समाधान निकलता नहीं दिख रहा है। पुलिस अध्यापकों के खिलाफ कार्रवाई को जायज बता रही है तो अध्यापक अपने साथियों की गिरफ्तारी को गलत बता रहे हैं। विवाद कम होने के बजाय लगातार बढ़ता जा रहा है। कई यूनियन भी अध्यापकों के समर्थन में उतर आई हैं ,जिससे लड़ाई लंबी खींचती दिख रही है। अध्यापकों के मुताबिक उनका कसूर इतना है कि उन्होंने स्कूल के माहौल को ठीक रखने के लिए जरूरी कदम उठाए, लेकिन उन्हें हत्यारा तक बता दिया गया।
आपको बता दें कि रेनू नाम की बारहवीं की छात्रा का शव गत 19 दिसंबर को मेवात मॉडल गर्ल्स हॉस्टल नूंह में उसके कमरे में फंदे पर झूलता मिला था। नूंह पुलिस ने पीड़ित परिवार के रोहताश उर्फ मीनू की शिकायत पर प्रिंसिपल सोमवीर राणा, हॉस्टल वार्डन सारस्वत, पीटीआई महावीर, पाली, शाहआलम लेक्चरार के खिलाफ हत्या का मामला दर्ज किया था। पीड़ित परिवार ने अध्यापकों पर हत्या का आरोप लगाते हुए धरना-प्रदर्शन किया और एससी / एसटी आयोग से लेकर आला अधिकारियों और मंत्रियों से मुलाकात की थी।
पुलिस विभाग ने मामले को सुलझाने के लिए चार सदस्यीय पुलिस अधिकारियों की डीएसपी वीरेंद्र सिंह की अध्यक्षता में एसआईटी गठित कर जांच शुरू की । एसआईटी में एसएचओ नूंह विपिन कुमार इंस्पेक्टर, चौकी नूंह इंचार्ज रमेश चंद तथा इंस्पेक्टर करतार सिंह को शामिल किया गया।
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