मेवात। नूंह। जिले में अब मलेरिया से किसी की जान नहीं जाएगी और ना ही मलेरिया के मामलों में नूंह प्रदेश में बदनाम होगा। इसे लेकर मेवात जिला प्रशासन ने पूरी तैयारी कर ली है। दवाई से लेकर धन की कमी भी अभियान में रोड़ा नहीं बनेगी। उपायुक्त मनीराम शर्मा की अध्यक्षता में गुरुवार को जिले के सभी विभागों के अधिकारियों और स्वास्थ्य विभाग के अधिकारियों की मलेरिया जैसी खतरनाक बीमारी को लेकर बैठक हुई और इसे जड़ से खत्म करने की दिशा में चर्चा की गई। बैठक में उपस्थित जिले के सभी अधिकारियों को उनके विभाग से संबंधित दिशा-निर्देश दिए गए और कहा कि वे भी इस काम में अपना पूर्ण सहयोग दें। उन्होंने बैठक में उपस्थित स्वास्थ्य विभाग के अधिकारियों को निर्देश दिए कि वे गांव में जाकर लोगों को मलेरिया के प्रति जागरुक करें और गांव में जाकर मलेरिया जैसी बीमारी को रोकने के लिए घर-घर जाकर दवाई का छिड़काव करें। उपायुक्त मनीराम शर्मा ने कहा कि जिले में अभी 5 फागिंग मशीनें हैं। जल्द ही मेवात विकास अभिकरण से 5 और मशीनें खरीदी जाएंगी। उन्होंने बताया कि तकरीबन 27 हाई रिस्क गांवों के अलावा करीब 143 गांवों पर अधिक फोकस रहेगा। इन गांवों पर लगातार अधिकारियों की निगरानी रहेगी। पंचायतों और आंगनबाड़ी सेंटरों के अलावा स्वास्थ्यकर्मियों की पूरी भागीदारी रहेगी। मनीराम शर्मा ने बताया कि मच्छर को किसी भी सूरत में मारा जाएगा। जिन इलाकों में पानी का जलभराव रहता है, उस इलाके में अभी से काम किया जाएगा। बरसात के सीजन में मेवात जिले में हजारों लोगों को मलेरिया हो जाता है। कई साल से जान जाने का सिलसिला भी थमने का नाम नहीं ले रहा है। मलेरिया स्वास्थ्य विभाग की लाख कोशिशों के बावजूद दीमक की तरह अपनी जड़ें, इस जिले में जमाए हुए है। मनोहर सरकार ने इस बार मलेरिया को जड़ से खत्म करने की पूरी रणनीति बना ली है। गुरुवार को हुई बैठक में उपायुक्त मनीराम शर्मा ने अधिकारियों को साफ हिदायत दी कि लापरवाही किसी सूरत में भी बर्दाश्त नहीं की जाएगी। मैन पावर की कमी को दूर करने के लिए भी योजना बन चुकी है। कुल मिलाकर मलेरिया को लेकर कोई बहाना नहीं चलेगा।
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