नूंह। सखी सइयां तो खूब ही कमात है ,महंगाई डायन खाय जात है। ये भी पढ़ें - अपने राज्य - शहर की खबर अख़बार से पहले पढ़ने के लिए क्लिक करे
फिल्म के गाने के ये बोल आजकल महंगाई की वजह से सबकी जुबां पर हैं। देश
के कई राज्य गुजरात , राजस्थान , यूपी इत्यादि जिलों से बाढ़ ने खेती तो
दूर इंसानों के घरौंदों को भी नेस्तनाबूद करने का काम किया है। हरियाणा में
कई जिलों में हालात सूखे जैसे बने हुए है। ज्वार , बाजरा जैसी फसलें सूख
रही है। फिर सब्जी फसलों की तो बिसात ही क्या है। आम दिनों में 2 रुपये
किलो बिकने वाला टमाटर अब 100 रुपये तक बिक रहा है। टिंडा , भिंडी , पालक ,
आलू , गोबी , मिर्च , नीबू , मटर , शिमला मिर्च इत्यादि सब्जी के दाम
दोगुने तक बढे हैं। मिर्च 60 , पालक 40 , आमी 60 , मटर 120 , धनिया 250
रुपये किलो तक बिक रहा है।
दुकानदार मानते हैं कि बाढ़ से सब्जी के दाम बढ़
रहे हैं। महंगाई के चलते लोग कम सब्जी खरीदकर काम चला रहे हैं। लोकल
क्षेत्र में बूंद -बूंद को किसान तरस रहे हैं। मेवात जिले के नगीना , तावडू
, फिरोजपुर झिरका खंड के कुछ गांव के किसान सब्जी फसल उगाते हैं ,लेकिन
सूखे जैसे हालात के चलते उनके अरमानों पर पानी फिर गया है। जिस तरह के
हालात बने हुए हैं ,उससे लगता है कि सब्जी कजी महंगाई आपकी रसोई का बजट
गड़बड़ा सकते हैं। तो गरीबों की थाली से कुछ सब्जियों का स्वाद कुछ महीने
गायब रह सकता है।
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