नूंह। मेवात जिले के कई शिव मंदिरों में कावड़ महाशिवरात्रि का पर्व धूमधाम से मनाया गया। शिव मंदिरों में भक्तों की भारी
भीड़ देखने को मिली। लोग सुबह से ही मंदिरों के बाहj लाइनें में लगकर भगत
पूरी श्रद्वा और आस्था के साथ भगवान शिव की पूजा करते नजर आए। महाशिवरात्रि के दिन मंदिरों में काफी रौनक नजर आई। इतना ही नहीं कुछ
मंदिरों में तो भंडारे का इंतजाम भी किया है। नूंह जिले की करीब 300
महिलाओं ने चार किलोमीटर की कलश यात्रा भी निकाली गई। ये भी पढ़ें - अपने राज्य - शहर की खबर अख़बार से पहले पढ़ने के लिए क्लिक करे
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बता दें कि नूंह शहर का प्राचीन शिव मंदिर अरावली के दामन में बना हुआ है।
इतिहासकारों का कहना है कि कृष्ण भगवान कौरव पांडव को मानने नल्हड़ आए थे। ये शिव मंदिर प्राचीन काल से अरावली की दामन में अपनी सुंदरता को समेटे
हुए है।
मंदिर प्रबंधक समिति के
चेयरमैन जी एस मलिक ने बताया कि यहां शिवलिंग प्राकृतिक है। साल 1981 में
स्वामी ज्ञान गिरी महाराज की ओर से मंदिर का र्निमाण शुरू कराया गया। यहां
सारस्वती,गणेश जी,गंगा धारा पृथक दिखाई देती है। मंदिर से 287 सीढ़ी चढ़ कर
अरावली पर्वत माला की चोटी पर कदम के पेड़ के नीचे शिवलिंग है। वहां पर
कुदरती झरना बहता है। जिसका पानी पीने में सबसे उत्तम माना गया है। कावड़ महाशिव
रात्रि के पावन पर्व पर बड़ी तादाद में शहर की महिलाओं ने भाग लिया।
महिलाओं के मुताबिक शिवलिंग के स्नान के पानी को मन्नत के रूप में हर
परिवार अपने घर ले जाता है। जहां उस पानी को पूरे साल हर बीमारी में दवा के
रूप में पिया जाता है।
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