महेंद्रगढ़ । हरियाणा के जिला महेंद्रगढ़ और रेवाड़ी की ऐतिहासिक धरोहरों को मूलरूप देकर पर्यटन के तौर पर विकसित किया जाएगा और राजस्थान की सीमा से सटे इन जिलों की ऐतिहासिक धरोहरों की पहचान को कायम रखने के लिए कुल अुनमानित 147 करोड़ रुपए की राशि खर्च की जाएगी। ये भी पढ़ें - अपने राज्य - शहर की खबर अख़बार से पहले पढ़ने के लिए क्लिक करे
यह जानकारी मंगलवार को हरियाणा पर्यटन विभाग के अतिरिक्त मुख्य सचिव विजयवर्धन ने महेंद्रगढ़ किला और माधोगढ़ फोर्ट का निरीक्षण करने उपरांत महेंद्रगढ़ में दी। उन्होंने कहा कि महेंद्रगढ़ व रेवाड़ी जिलों की कई ऐतिहासिक धरोहरों को उनका मूलस्वरूप प्रदान करने के लिए केंद्र सरकार की ओर से 99 करोड़ रूपये तथा हरियाणा सरकार की ओर से 48 करोड़ रूपये की अनुमानित राशि खर्च की जाएगी ताकि ये धरोहरें पर्यटकों के लिए आकर्षण का केंद्र भी बन सकें।
उन्होंने कहा कि मुख्यमंत्री मनोहर लाल एवं पर्यटन मंत्री प्रो० रामबिलास शर्मा का प्रयास है कि समूचे प्रदेश को पर्यटन के तौर पर विकसित किया जाए। इसी कड़ी में राजस्थान की सीमा के साथ लगते महेंद्रगढ़ व रेवाड़ी जिलों की ऐतिहासिक धरोहरों को उनका मूलस्वरूप प्रदान करके इन क्षेत्रों को पर्यटन के तौर पर विकसित किया जाएगा। उन्होंने कहा कि इसी उदे्श्यस्वरूप महेंद्रगढ़, नारनौल व रेवाड़ी की इन धरोहरों की फिजिकल वेरीफिकेशन की जा रही है।
उन्होंने कहा कि हरियाणा के अंतिम छोर पर बसे एवं राजस्थान की सीमा से सटे महेंद्रगढ़ व रेवाड़ी जिलों की आठ धरोहरों की कायापल्ट करके टूरिजम इन्फ्रास्ट्रक्चर हेरिटेज सर्किट के तौर पर विकसित किया जाएगा जिनमें महेंदगढ़ फोर्ट, माधोगढ़ फोर्ट, नारनौल का रायमुकंद का छत्ता, तख्त बओली, ढ़ोसी की पहाड़ी, रेवाड़ी का बड़ा तालाब, सोला राही शिव धरोहर तथा सिटी वाईड इन्फ्रास्ट्रक्चर का जीर्णोद्धार शामिल हैं।
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