कुरुक्षेत्र। एक तरफ देश ही नहीं, दुनियाभर के पर्यटक पर्यटन के तहत कुरुक्षेत्र और पिहोवा में घुमने के लिए आते हैं और यहां की ऐतिहासिक स्थलों का भ्रमण कर उन्हें कैमरे में कैद करते हैं। लेकिन शहर के खस्ताहाल कार्तिकेय मंदिर को लेकर सवाल उठने लगे हैं। एक तरफ राज्य सरकार बेटी बचाओ बेटी पढ़ाओ का नारा दे रही है। वहीं दूसरी ओर इस मंदिर के बाहर मोटे मोटे अक्षरों में लिखा है कि महिलाओं का प्रवेश वर्जित है। ये कहां तक उचित है। ये कहना है पंजाब के पूर्व सेहत मंत्री लक्ष्मीकांत चावला का। उन्होंने मुख्यमंत्री हरियाणा के नाम चिठ्ठी लिखते हुए पूछा कि सरकार की आंखों से आज तक महिलाओं के इतने बड़े अपमान का स्थान आज तक क्यों छिपा रहा। न पहली सरकारोें ने कुछ किया और ना हमारी पार्टी की सरकार ने। अच्छा हो बाहर ये भी लिख कर लगा दें कि परिवार की दिवंगत महिला की आत्मिक शांति के लिए वहां आने वाले भी न आएं। महिलाओं के साथ इतना भेदभाव कानून की आंखों के सामने पिहोवा में हो रहा है। ये देश और समाज के लिए लज्जाजनक है। शनि मंदिर शिगनापुर की चर्चा तो दुनिया भर में हो गई। लेकिन पिहोवा के मंदिर में महिलाओं के अपमान की बात क्यों दुनिया भर मंे नहीं हो रही है। क्या ये अपमान नहीं कि कोई महिला अंदर जाने लगे तो उसे बलपूर्वक बाहर निकाल दिया जाए। मैं मंदिर के अंदर पुजारियों के विरोध के बाद भी हो आई। पर कितनी महिलाएं ऐसा विरोध कर सकेंगी। उन्होंने राज्य सरकार से ऐसी प्रथा को खत्म करने की मांग की। उन्होंने कहा कि ऐसा नहीं होने पर उन्हें मजबूरन कोर्ट तक जाना पड़ेगा। ये भी पढ़ें - अपने राज्य - शहर की खबर अख़बार से पहले पढ़ने के लिए क्लिक करे
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