करनाल।
उपायुक्त मंदीप सिंह बराड ने कहा कि बेटी बचाओ-बेटी पढ़ाओ अभियान के नाम
पर जो लोग झूठे फार्म भरकर गलत योजना का प्रचार कर रहे हैं उन लोगों के
खिलाफ एफआईआर दर्ज करके कड़ी कारवाई करने की जरूरत है। डीसी वीरवार को
स्थानीय लघु सचिवालय के सभागार में जिला टास्क फोर्स की बैठक में
शिक्षा,स्वास्थ्य, महिला एवं बाल विकास विभाग के अधिकारियों को आवश्यक
निर्देश दे रहे थे। ये भी पढ़ें - अपने राज्य - शहर की खबर अख़बार से पहले पढ़ने के लिए क्लिक करे
बैठक में पीआआईसीडीएस रजनी पसरीचा ने डीसी
को बताया कि भारत सरकार ने भी करीब 500 लोगों के गलत योजना से भरे फर्जी
फार्म बेटी बचाओ-बेटी पढ़ाओ अभियान के दृष्टिगत जिले में कारवाई के लिए
भेजे हैं। डीसी ने पीओआईसीडीएस को निर्देश दिए कि सम्बन्धित लोगों की
जानकारी पुलिस विभाग को मुहैया करवाएं ताकि उन पर जल्द से जल्द कारवाई हो
सके। डीसी ने डीएसपी शकुं तला को भी निर्देश दिए कि महिला पुलिस
कर्मचारियों को बेटी बचाओ-बेटी पढ़ाओ अभियान के बारे में अवगत करवाएं ताकि
वे अपने क्षेत्र में पडऩे वाले सम्बन्धित गांवों में योजना की सही जानकारी
दे सकें। उन्होंने सिविल सर्जन डा० योगेश शर्मा को कहा कि जिन गांवों में
लिंगानुपात काफी कम है और जहां पर लड़कियों की संख्या काफी कम है, उन
गांवों में कार्यरत डॉक्टर्स की एसीआर में लिंगानुपात कम होने का भी जिक्र
करें ताकि सम्बन्धित डॉक्टर्स अपने कार्य को और बेहत्तर तरीके से करें।
डीसी ने पीओआईसीडीएस और जिला शिक्षा अधिकारी को साफ शब्दों में कहा
कि जिले में सभी आंगनवाड़ी और स्कूलों में शौचालयों की बेहत्तर व्यवस्था
होनी चाहिए। इसके लिए व्यक्तिगत तौर पर जाकर भी चैक करें और रिपोर्ट
उपायुक्त कार्यालय को भेजें। उन्होंने स्पष्ट किया कि सभी शौचालय पूरी तरह
दुरूस्त होने चाहिए, इस संदर्भ में किसी भी लापरवाही के लिए सम्बन्धित
अधिकारी स्वयं जिम्मेदार होंगे। जिले के सभी आंगनवाड़ी केन्द्रों में भी
अच्छी शौचालय व्यवस्था अति आवश्यक है। उन्होंने जिला शिक्षा अधिकारी को यह
भी कहा कि स्कूलों में अध्यापकों की संख्या कितनी है इसकी भी रिपोर्ट
उपायुक्त कार्यालय को दें। डीसी ने आईएमए और स्वयं सिद्धा समूह के
अध्यक्षों को कहा कि वह भी जब अपनी बैठक करते हैं तो सभी डॉक्टर्स को और
एनजीओ से जुड़े व्यक्तियों को महिला एवं बाल विकास विभाग से सम्बन्धित
स्कीमों की जानकारी विस्तार से बताएं।
उन्होंने यह भी कहा कि
बेटी बचाओ-बेटी पढ़ाओ अभियान को और अधिक सशक्त बनाने के लिए आंगनवाड़ी
कार्यक र्ताओं और वर्करों को समय-समय पर अपडेट करते रहने की जरूरत है।
कन्या भ्रूण हत्या एक सामाजिक बुराई है, जिसे हम सब ने मिलकर समाज से उखाड
फेंकना है। सरकार और प्रशासन के सांझा प्रयासों के फलस्वरूप जिले में
जून-2017 तक एक हजार लडक़ों की तुलना में लड़कियों की संख्या 938 तक पहुंच
गई है।
बैठक में पीओआईसीडीएस रजनी पसरीचा ने बताया कि जिले में अब
तक पोक्सो एक्ट के क्रियान्वयन के लिए 143 कैम्प लगाए जा चुके हैं, पोक्सो
एक्ट के अंर्तगत 82 एफआईआर हो चुकी हैं। उन्होंने बताया कि जिला के सभी
खंडों के जिन गांवों में लिंगानुपात कम है उन गांवों में विशेष प्रचार
अभियान चलाया जाता है तथा ग्रामीणों को बेटी बचाओ-बेटी पढ़ाओ विषय पर
जागरूक किया जाता है। इस मौके पर सिविल सर्जन डा० योगेश शर्मा ने बताया कि
पीएनडीटीएक्ट के तहत 26 एफआईआर और एमटीपी एक्ट के तहत 14 एफआईआर दर्ज हुई
हैं।
इस अवसर डीडीपीओ कुलभूषण बंसल, डीआईपीआरओ धर्मवीर सिंह,
उप-सिविल सर्जन डा० राजेन्द्र, आईएमए करनाल के प्रधान डा० गगन कौशल, स्वयं
सिद्धा समूह की निदेशक डा० रंजना शर्मा सहित अन्य अधिकारी भी उपस्थित थे।
डीसी
ने बताया कि बेटी बचाओ-बेटी पढ़ाओ अभियान के सफलतापूर्वक चलने पर करनाल
जिला में लिंगानुपात में निरंतर बढ़ौतरी हो रही है। घरौंडा के फुरलक गांव
में वर्ष-2015 में लिंगानुपात 565 था जो कि मई 2017 में 1500 का आंकड़ा पार
कर गया है । इसी प्रकार पुण्डरी गांव में 646 से बढक़र लिंगानुपात 1056 हो
गया है। असन्ध खंड के गांव पक्का खेड़ा में लिंगानुपात आंकड़ा 686 से बढक़र
1800 हो गया है तथा गांव बल्ला में 745 से बढक़र 1109 व खेड़ी सर्फअली में
761 से लिंगानुपात बढक़र 1100 हो गया है
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