कैथल।
हरियाणा सरकार के आम नागरिकों की सुरक्षा तथा आवारा पशुओं के बेहत्तर
रख-रखाव के लिए नंदीशालाओं की स्थापना के अंतर्गत कैथल में नगर परिषद की
सीमा में लगभग 10 एकड़ भूमि में बनी कपिस्थल नंदी गऊशाला का शुभारंभ
अतिरिक्त उपायुक्त कैप्टन शक्ति सिंह ने नारियल तोडक़र किया। इस गऊशाला का
निर्माण उपायुक्त श्रीमती सुनीता वर्मा के मार्ग दर्शन में किया गया है। इस
अवसर पर तीन नंदियों को नंदीशाला में छोड़ा गया तथा अतिरिक्त उपायुक्त एवं
नगर परिषद के चेयरमैन यशपाल प्रजापति ने इन नंदियों को हरा-चारा तथा गुड़
खिलाया। ये भी पढ़ें - अपने राज्य - शहर की खबर अख़बार से पहले पढ़ने के लिए क्लिक करे
अतिरिक्त उपायुक्त कैप्टन शक्ति सिंह ने कहा कि नगर परिषद
द्वारा लगभग 10 एकड़ भूमि में नंदीशाला का निर्माण किया गया है। उन्होंने
नंदीशाला में उपलब्ध करवाई गई सुविधाओं का निरीक्षण किया, जिनमें पशुओं के
शैड, चारे व पानी के लिए बनाई गई खुरली व होदी शामिल हैं। उन्होंने
नंदीशाला में रखे तुड़े का भी निरीक्षण किया। आगामी 15 अगस्त से पूर्व कैथल
शहर को आवारा पशुओं से मुक्त कर दिया जाएगा, जिससे लोगों की सुरक्षा के
साथ-साथ पशुओं की भी अच्छी प्रकार से देख-भाल होगी। इस नंदीशाला में लगभग
1200 पशुओं के रहने हेतू व्यवस्था की गई है। नंदीशाला में छोटे व बड़े
नंदियों को अलग-अलग रखने, चारा खिलाने तथा पानी आदि का प्रबंध किया गया है।
उन्होंने कहा कि शीघ्र ही नंदीशाला में 5 किलोवाट सोलर पॉवर
प्लांट स्थापित किया जाएगा, जिससे नंदीशाला में बिजली की आवश्यकता पूरी हो
पाएगी। नंदीशाला में मूत्र से बनने वाले उत्पादों के अनुसंधान का केंद्र
स्थापित करने का भी प्रस्ताव है तथा नंदीशाला में गोबर गैस प्लांट भी
स्थापित किया जाएगा। इस नंदीशाला में शहर के सभी आवारा नंदियों को पकडक़र
छोड़ा जाएगा तथा गऊशालाओं में क्षमता से अधिक रखे गए नंदियों को भी इस
नंदीशाला में छोड़ा जाएगा। इस नंदीशाला को लोगों के सहयोग से विस्तृत
गऊशाला में बदला जाएगा।
कैप्टन शक्ति सिंह ने पशु पालकों को चेतावनी
देते हुए कहा कि ऐसे पशुपालक जो सुबह-शाम दूध निकालकर पशुओं को आवारा छोड़
देते हैं, ऐसे पशुओं को जिला प्रशासन द्वारा पकडऩे पर भारी जुर्माना किया
जाएगा। उन्होंने कहा कि जिला प्रशासन द्वारा 6 खंडों के 6 गांवों में स्थान
चिन्हित किए गए हैं, जहां पर ग्रामीण क्षेत्र में घुमने वाले आवारा पशुओं
को चार दिवारी बनाकर रोका जाएगा, जिससे लोगों को आवारा पशुओं से निजात
मिलेगी। स्थानीय भगत सिंह कालोनी तथा ग्योंग गांव के मध्य स्थित इस
नंदीशाला में नंदियों को रखा जाएगा। उन्होंने पशुपालन विभाग के अधिकारियों
को निर्देश दिए कि वे चरी कटर खरीदकर नंदीशाला में दें, ताकि हरे चारे की
कटाई में सुविधा हो। नंदीशाला का रख-रखाव गणमान्य व्यक्तियों द्वारा किया
जाएगा, जबकि इसका खर्चा नगर परिषद द्वारा वहन किया जाएगा। उन्होंने कहा कि
कोई भी व्यक्ति पशुओं को सडक़ के किनारे चारा न डाले, इससे दुर्घटना का
अंदेशा बना रहता है। जिला प्रशासन द्वारा शहर में कुछ स्थलों पर बंद बॉक्स
रखवाए जाएंगेे, ताकि कोई भी नागरिक पशुओं हेतू चारा इनमें डाल सकें। इन
बॉक्सों को नंदीशाला में लाकर चारा पशुओं को डाला जाएगा। नागरिक नंदीशाला
में ईच्छा अनुसार आर्थिक सहायता भी दे सकते हैं।
नगर परिषद के
चेयरमैन यशपाल प्रजापति ने कहा कि शहर वासियों के सहयोग से ही इस नंदीशाला
का निर्माण संभव हो पाया है। बेसहारा और आवारा पशुओं को नंदीशाला में रखकर
उनकी देखभाल की जाएगी। पशुपालन विभाग के डाक्टर भी सप्ताह में निर्धारित
दिनों में नंदीशाला में पहुंचकर नंदियों के स्वास्थ्य की जांच करते रहेंगे।
इस मौके पर एडवोकेट काबज राम, नगर परिषद के कार्यकारी अधिकारी विक्रम
सिंह, एमई राजकुमार शर्मा व हिमांशु लाटका, धीरेंद्र क्योडक़, पशुपालन विभाग
के एसडीओ डा. उदय सिंह, पार्षदों में काका सचदेवा, दीपक शर्मा, गोविंद
सैनी, प्रवीण काला, वरूण मित्तल, गौरव ढुल, सुरेंद्र, विनोद शर्मा, अश्वनी
अग्रवाल आदि मौजूद रहे।
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