चण्डीगढ़। भारतीय किसान संघ से जुड़े
किसानों द्वारा जिला जींद में किनाना गांव के पास निर्माणाधीन बाईपास पर
दिया जा रहा धरना समाप्त हो गया है। किसानों ने उनकी जमीन के लिए निर्धारित
किये गये मुआवजे पर संतोष व्यक्त करते हुए सरकार का धन्यवाद किया है। ये भी पढ़ें - अपने राज्य - शहर की खबर अख़बार से पहले पढ़ने के लिए क्लिक करे
एक
सरकारी प्रवक्ता ने आज यह जानकारी देते हुए बताया कि एडीसी की आर्बिट्रैशन
कोर्ट ने किसानों को उचित मुआवजा दिलवाने के लिए सभी मानदण्डों को ध्यान
में रखकर मुआवजे की राशि निर्धारित की है। यह मुआवजा राशि शीघ्र ही किसानों
के बैंक खातों में डलवा दी जायेगी।
उन्होंने
बताया कि जीन्द बाईपास के निर्माण के लिए बिरौली, असरफगढ़, बिशनपुरा तथा
अनूपगढ़ गांवों के किसानों की जमीन का अधिग्रहण किया गया था। आर्बिट्रैशन
कोर्ट के निर्णय के बाद अब असरफगढ़ गांव के किसानों को 65 लाख रुपये,
बिरौली के किसानों को 60 लाख रुपये, बिशनपुरा के किसानों को 58 लाख रुपये
तथा अनूपगढ़ किसानों को 58 लाख रुपये प्रति एकड़ के हिसाब से मुआवजा दिया
जायेगा।
उन्होंने बताया कि आर्बिट्रैशन कोर्ट द्वारा मुआवजा निर्धारण
प्रक्रिया के दौरान कई मानदण्डों को ध्यान में रखकर निर्णय लिया जाता है।
उस रकबा या गांव में पिछले पांच साल के दौरान दर्ज की गई रजिस्टरियों के
इंतकाल के हिसाब से रेश्यो निकाली जाती है। आर्बिट्रैशन कोर्ट के समक्ष लोग
अपनी जिरह करने के लिए भी उपस्थित होते हैे। इस मौके पर एनएचएआई के कर्मी
भी उपस्थित रहकर अपनी सफाई देते हैं। कोर्ट द्वारा सभी बिन्दुओं पर
गम्भीरता से विचार करके प्रति एकड़ मुआवजा राशि का निर्धारण किया जाता है।
इन गांवों के किसानों को मुआवजा राशि के निर्धारण में भी यह सारी प्रक्रिया
अपनाई गई है।
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