गुरुग्राम। देवर्षि नारद जयंती के उपलक्ष्य में रविवार को विश्व संवाद केन्द्र द्वारा कलम से समाज में जागृति लाने के कार्य में लगे गुडग़ांव के लगभग 40 पत्रकारों को सम्मानित किया गया। जीआईए हाऊस में आयोजित कार्यक्रम में अध्यक्ष के रूप में मौजूद वरिष्ठ पत्रकार एवं संपादक राहुल देव और मुख्य वक्ता राष्ट्रीय स्वयं सेवक संघ के राष्ट्रीय सह प्रचार प्रमुख नरेन्द्र कुमार ने उपस्थित पत्रकारों को प्रशस्ति पत्र एवं स्मृति चिन्ह भेंट किए। कार्यक्रम की शुरूआत देवर्षि नारद मुनि और भारत माता के सामने दीप प्रज्ज्वलन से हुई। कार्यक्रम में राहुल देव ने कहा पत्रकार समाज का एक अभिन्न अंग होता है। पत्रकारों से समाज को बहुत सी अपेक्षाएं होती हैं। पत्रकारों को सकारात्मक पत्रकारिता करते हुए समाज के हर मुद्दे को बेबाकी से उठाना चाहिए। क्रांति नहीं ला सकते तो अच्छी पत्रकारिता करते हुए समाज में अपना अहम योगदान दें। ये भी पढ़ें - अपने राज्य - शहर की खबर अख़बार से पहले पढ़ने के लिए क्लिक करे
विश्व संवाद केंद्र हरियाणा की ओर से नारद जयंती के अवसर पर आयोजित इस समारोह में पहुंचे अतिथियों ने पत्रकारिता के आयामों पर बात करते हुए इस चुनौती को स्वीकार करते हुए बेहतर करने को पत्रकारों को प्रेरित किया। राहुल देव ने कहा कि नारद जी और महाभारत काल के संजय जी को पत्रकारिता से जोड़कर देखा जाता है। उन्होंने वर्तमान समय की पत्रकारिता पर बोलते हुए कहा कि पत्रकार आज कठिन परिस्थितियों में, दबावों में और अभावों में काम करते हैं। आज के समय में सामान्य पत्रकारों के जीवन की चुनौतियों और व्यवसायिक चुनौतियों से कम लोग परिचित होते हैं। आज अगर कोई ठीक-ठाक पत्रकारिता कर रहा है तो वह भी कठिन कार्य कर रहा है। संस्थाआें, नागरिकों की जिम्मेदारी बनती है कि पत्रकारों की चुनौतियों को समझें। जिस समाज की चिंता पत्रकार करता है, जिस समाज को पत्रकार से अपेक्षाएं होती हैं, उस पत्रकार की चिंता और अच्छाई को समझने वाला समाज भी होना चाहिए। उन्होंने अपने वक्तव्य में कहा कि भारतीय मीडिया कटघरे में खड़ा किया जाता है। जहां जाते हैं, वहीं पर एक जैसे ही आरोप लगते हैं। पत्रकारों पर यह आरोप तो आम ही लगते हैँ कि वे नकारात्मक पत्रकारिता कर रहे हैं।
न्यूज चैनल और अखबार में तुलना करते हुए राहुल देव ने कहा कि अखबार संपूर्ण मंच होता है, जबकि चैनल अपूर्ण होता है। आज के समय में सनसनीखेज पत्रकारिता अधिक हो रही है। अपराध पर पत्रकारिता हो रही है। सकारात्मक पत्रकारिता कम हो रही है। उन्होंने इस बात पर जोर दिया कि एक पत्रकार की सोच सकारात्मक होनी चाहिए। कोई ऐसी बात है तो उसको सामने ईमानदारी के साथ सामने लाना चाहिए। क्योंकि रोग को जब तक बाहर नहंी लांएंगें, उसका निदान नहीं होगा। मालिकों पर भी सकारात्मकता, सत्यनिष्ठा से पत्रकारिता का दबाव बनाना चाहिए। सकारात्मक दबाव की जरूरत मालिकों पर है। जब तक ये नहीं होगा, तब तक उस पत्रकार पर अपनी नैतिकताओं का बोझ लाद देना अन्याय होगा।
कार्यक्रम में आरएसएस के अखिल भारतीय सह-प्रचार प्रमुख नरेंद्र कुमार ने कहा कि पत्रकारिता के क्षेत्र में नारद जी को आदर्श माना गया है। सूचनाओं का आदान-प्रदान करना ही पत्रकारिता है। इस बात को कहने में भी कोई अतिश्योक्ति नहीं होगी कि पत्रकारों ने समय-समय पर चुनौतियों को स्वीकार किया है। सत्यता को सामने लाया गया है। साथ ही उन्होंने कहा कि एक एजेंडे के तहत किसी के खिलाफ खबरें लिखना, चलाना तो पत्रकारिता के लिए ठीक नहीं। इस मौके पर पहुंचे पत्रकारों को सम्मानित किया गया। कार्यक्रम में वरिष्ठ समाजसेवी नरेंद्र चौहान गढ़ी-हरसरू , विभाग संपर्क प्रमुख प्रदीप शर्मा , महानगर कार्यवाह विजय कुमार, सेवा भारती से एसएन शर्मा, हरिसिंह यादव, भारत विकास परिषद के महाराणा प्रताप शाखा के अध्यक्ष विवेकानंद तिवारी, विभाग प्रचार प्रमुख अनिल कश्यप, नगर प्रचार प्रमुख अरविंद सैनी, महानगर प्रचार प्रमुख शरद जिंदल, भाग प्रचार प्रमुख हरिश शर्मा, जगदीश कुमार, पत्रकार संपर्क प्रमुख संत कुमार समेत अनेक गणमान्य लोग मौजूद रहे।
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