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दो निजी फर्मों के खिलाफ एफआईआर दर्ज, एसआईटी करेगी जांच

FIR filed against two private firms, SIT will investigate - Gurugram News in Hindi

चंड़ीगढ़ /गुरुग्राम । हरियाणा सरकार ने वैट व्यवस्था के तहत बड़े पैमाने पर फर्जी लेन-देन करने वाली गुरुग्राम आधारित दो निजी फर्मों के विरूद्ध सख्त कार्रवाई करते हुए इन फर्मों के विरूद्ध न केवल एफआईआर दर्ज करवाई है बल्कि मामले की जांच करने के लिए एक विशेष जांच दल (एसआईटी) भी गठित किया है।
आबकारी एवं कराधान विभाग के प्रवक्ता ने यहां यह जानकारी देते हुए बताया कि इन फर्मों में मैसर्स विपिन एंटरप्राइजिज, गुरुग्राम और मैसर्स उमा ट्रेडर्स, गुरुग्राम (ईस्ट) शामिल हैं।
उन्होंने कहा कि जीएसटी व्यवस्था के तहत सितम्बर, 2017 माह में जमा किये गए ट्रान-1 के माध्यम से मैसर्स विपिन एंटरप्राइजिज, गुरुग्राम को कुल 49.16 करोड़ रुपए में से 41.78 करोड़ रुपए से अधिक की वैट इनपुट टैक्स क्रेडिट (आईटीसी) राशि और 7.37 करोड़ रुपये से अधिक की केन्द्रीय आबकारी राशि का तथा मैसर्स उमा ट्रेडर्स, गुरुग्राम (ईस्ट) को कुल 50.43 करोड़ रुपये की राशि में से 42.38 करोड़ रुपये से अधिक की वैट आईटीसी राशि व 8.05 करोड़ रुपये से अधिक की केन्द्रीय आबकारी राशि का क्लेम करते पाया गया। उन्होंने कहा कि मैसर्स विपिन एंटरप्राइजिज, गुरुग्राम को अन्य फर्मों के साथ एक वेब आप्रेशन में अंतर-राज्यीय खरीद पर आईटीसी का फर्जी दावा करते हुए पाया गया।
प्रवक्ता ने बताया कि यह एंटरप्राइजिज दिए गए पते पर नहीं पाई गई और फर्म के मालिक विजय का भी पता नहीं लगाया जा सका। दिए गए मोबाइल नंबर पर उक्त मालिक से सम्पर्क करने का प्रयास किया गया परन्तु ट्रयु कॉलर मोबाइल ऐप पर, वोडाफोन टेलीकॉम ऑपरेटर का उक्त मोबाइल नम्बर को श्री राकेश अरोड़ा, दिल्ली का दर्शाया गया है परन्तु दूसरी तरफ से जवाब देने वाले व्यक्ति ने अपना नाम हेमराज बताया और राकेश अरोड़ा या विजय के बारे में अनभिज्ञता व्यक्त की।
उन्होंने कहा कि फर्म के पंजीकरण का मूल रिकॉर्ड गुरुग्राम कार्यलय में नहीं है। उन्होंने कहा कि डीलर ने दो फर्मों नामत: मैसर्स पूजा गैलरी और मैसर्स श्री श्याम प्लास्टिक एजेंसी की प्रतिभूतियां जमा की हुई है। पहली प्रतिभूति का कोई अस्तित्व नहीं पाया गया और दूसरी प्रतिभूति एक छोटे डीलर की पाई गई और फर्म के लिए दी गई प्रतिभूति से इंकार किया। उन्होंने कहा कि मैसर्स पूजा गैलरी की प्रतिभूति अस्तित्व में नहीं है, परन्तु वैट व्यवस्था में फर्म का पंजीकृत मोबाइल नम्बर वहीं पाया गया, जो मैसर्स विपिन एंटरप्राइजिज द्वारा दिया गया। उन्होंने कहा कि मैसर्स विपिन एंटरप्राइजिज ने वैट व्यवस्था से जीएसटी व्यवस्था में माइग्रेट करते मोबाइल नम्बर पंजीकृत करवाया था और पांच अन्य करदाताओं ने भी जीएसटी व्यवस्था में उसी मोबाइल नम्बर को पंजीकृत किया है।
प्रवक्ता ने बताया कि मैसर्स उमा ट्रेडर्स, गुरुग्राम (पूर्व) को वैट अधिनियम के तहत 25 सितम्बर, 2014 से टैक्स अदा करने की देनदारी के साथ पंजीकृत किया गया। इस फर्म ने वर्ष 2015-16 के लिए पहली, दूसरी और तीसरी त्रैमासिक रिटर्न दाखिल की और क्रमश: 3.03 करोड़ रुपये से अधिक, शून्य और 43.92 करोड़ रुपए से अधिक के कारोबार की घोषणा की। उन्होंने कहा कि आकलन वर्ष 2016-17 और आकलन वर्ष 2017-18 की पहली तिमाही के लिए कोई रिर्टन दाखिल नहीं की गई। उन्होंने कहा कि डीलर ने इन सभी तीनों तिमाहियों में न तो कोई कर की अदायगी की, न ही बड़े हुए मूल्य यानि वैट पर कर का भुगतान किया। इसके अतिरिक्त, पहली तिमाही में, बिक्री के माध्यम से दिखाए गई वैल्यू इन्हांसमेंट की गई खरीद की तुलना में बहुत अधिक है, जो सामान्य व्यापार प्रणाली में सम्भव नहीं है। जीएसटी में डीलर ने केवल जुलाई, 2017 मास के लिए जीएसटीआर-3बी और जीएसटीआर-1 दाखिल की है।
उन्होंने कहा कि मैसर्स उमा ट्रेडर्स, गुरुग्राम (ईस्ट) ने जुलाई, 2017 की अवधि के दौरान आईटीसी का उपयोग करके 2.61 करोड़ रुपये से अधिक की आईजीएसटी की अपनी आउटपुट टैक्स देयता छोड़ी है। इसके अलावा, डीलर ने 30.66 लाख रुपए के आईटीसी का उपयोग करके प्रत्येक शीर्ष में 15.33 लाख रुपये से अधिक के राज्य माल और सेवा कर (एसजीएसटी) और केन्द्रीय माल और सेवा कर (सीजीएसटी) में आउटपुट टैक्स देयता भी छोड़ दी (डिस्चार्जड) है।
प्रवक्ता ने बताया कि डीलर ने वर्ष 2015-16 के चौथे तिमाही के लिए रिटर्न दाखिल नहीं की और इससे आगे डीलर द्वारा कोई त्रैमासिक रिटर्न दाखिल नहीं की गई। उन्होंने कहा कि वर्तमान कानून के तहत नियुक्ति दिवस के बाद तुरंत छह महीने के अवधि के लिए सभी रिटर्न जमा नहीं करवाई गई हैं, हरियाणा माल और सेवा कर अधिनियम, 2017 की धारा 144 (1) (द्बद्ब) के अनुसार वैट व्यवस्था में इनपुट टैक्स को जमा करवाने को अनुमति नहीं दी जा सकती।
उन्होंने कहा कि इन संस्थाओं के पंजीकरण में संलिप्त कर्मचारियों की पहचान करने के लिए एक आंतरिक जांच भी करवाई जा रही है। उन्होंने कहा कि उनके खिलाफ सख्त से सक्ष्त कार्यवाही की जाएगी। उन्होंने कहा कि राज्य सरकार इसी प्रकार के कर की चोरी करनी वाली अन्य कम्पनियों की पहचान करने के लिए प्रतिबद्ध है।

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