गुरुग्राम। हरियाणा में किसानों को समृद्ध बनाने के लिए अवशेष निपटान के लिए किसानों को उपकरण दिए जाएंगे। इसके लिए व्यापक स्तर पर काम किया जाएगा। इसके साथ-साथ किसानों की सुविधा के लिए सब्सिडी मेले लगाए जाएंगे, ताकि किसान अवशेष जलाने के बजाय उससे आय प्राप्त कर सकें। ये भी पढ़ें - अपने राज्य - शहर की खबर अख़बार से पहले पढ़ने के लिए क्लिक करे
ये जानकारी गुरुग्राम में हरियाणा के कृषि मंत्री ओ पी धनखड़ ने दी। कृषि मंत्री धनखड़ ने बताया कि गुरुग्राम में आयोजित दो दिवसीय मंथनशाला में एक्सपर्ट्स के चिंतन के बाद 2027 का विजन डॉक्यूमेंट तैयार किया जायेगा।
उन्होंने कहा कि किसानों की ऐसे उपकरण देने के लिए अगस्त से हर जिले में मेले लगाये जाएंगे। इन मेलों में आने वाले किसान उपकरण खरीद सकेंगे। बैंकों से मौके पर ही उन्हें ऋण दिलाया जायेगा। मेले में आने वाले किसानों में से ही लक्की ड्रा के माध्यम से एक उपकरण मुफ्त दिया जायेगा। किसानों को इस साल ऐसे उपकरण खरीदने के लिए 75 करोड़ की सब्सिडी दी जायेगी।
उन्होंने बताया कि किसान की समृद्धि के लिए माइक्रो सिंचाई प्रणाली पर ले जाना होगा। अगले दस साल में हरियाणा में इस लक्ष्य को प्राप्त किया जायेगा। दो दिवसीय मंथनशाला में कई विषयों पर चर्चा हुई जिन पर व्यापक स्तर पर काम करने का लक्ष्य रखा गया। कृषि मंत्री ओ पी धनखड़ ने इस मंथनशाला में बतौर मुख्य अतिथि शिरकत की। उन्होंने मंथन के बाद कहा कि किसान को स्मार्ट खेती करनी होगी और इसके लिए किसानों को विभाग पूरी मदद देगा। उन्होंने कहा कि माइक्रो सिंचाई प्रणाली से किसानों की फसल पर लागत भी कम होगी और पानी की बचत भी।
जलवायु आधारित खेती के मंथन के बाद धनखड़ ने कहा कि हमारे किसानों को स्मार्ट होना होगा, क्योंकि स्मार्ट क्लाइमेट खेती और प्राइस स्मार्ट जरूरी है। विषयवार बिंदुओं के साथ कृषि मंत्री ने एक्सपट्र्स की मंथन के बाद संक्षिप्त रिपोर्ट जानी और उस पर हॉउस में चर्चा कराई। जिसके बाद सभी विषयों के विजन डॉक्यूमेंट तैयार करने को कहा।
उन्होंने बताया कि पैरी अर्बन एग्रीकल्चर को विकसित करने के लिए एक विशेष कमेटी बनाई गई है, जो इस क्षेत्र में काम करने के लिये अवसरों को बढ़ाएगी। गांव के नजदीक के बड़े शहरो में ताजा उत्पाद गांव के ब्रांड के साथ बेचकर किसान की आय बढ़ाने में सहयोग किया जायेगा। उन्होंंने कहा कि कीटनाशक के शरीर में होने वाले दुष्प्रभावों से बचने के लिये आर्गेनिक खेती करने की एक योजना तैयार की गई जिसके तहत 4 साल में प्रदेश के एक हजार गॉवों को इस क्षेत्र में लाया जाएगा। प्रत्येक गांव में कम से कम 50 एकड़ में यह खेती करनी होगी। धनखड़ ने बताया कि प्रदेश के सभी डी डी ए और डी एच ओ अपने अपने जिले के एक एक गांव से इसकी शुरुआत करेंगे।
उन्होंने बताया कि अवशेष समस्या के बजाय कमाई का साधन बनें, इसके लिए भी योजना बनाई गई क्योंकि इथनाल बनाने के लिए अवशेष से किसान की आय होगी। कृषि मंत्री ने बताया कि प्रदेश के सभी किसानों को सॉइल हेल्थ कार्ड एक नवंबर तक पहुंचा दिए जाएंगे। किसान की भूमि की उर्वरा शक्ति और अन्य जानकारियां मिल सकेंगी। उन्होंने कहा कि प्रदेश की चार लाख हेक्टेयर भूमि जो जलाक्रांत या अन्य कारणों से खराब है, उसके उपचार अगले दस वर्ष में चरणबद्ध तरीके से किया जायेगा। इसके लिए व्यापक योजना के साथ पूरी टीम काम करेगी। इसमें से कुछ भूमि पर मछली पालन भी शामिल है।
सीड बिल लाये जाने की बात भी कृषि मंत्री ने कही। उन्होंने कहा कि आज यह समय की जरुरत है। देश में हम किसानी में आगे हैं, इसलिए ये पहल भी हरियाणा करेगा। उन्होंने कहा कि इसे रिस्क फ्री भी किया जाये। उन्होंने कहा कि जलवायु अनुरूप खेती करके किसान अधिक लाभ कमा सकता है। धनखड़ ने जोखिम फ्री गांव और जोखिम फ्री किसान के लिए बीमा को जरूरत बताया।
उन्होंने कहा कि हम हरियाणा प्रदेश को सीड सरप्लस स्टेट बनाएंगे। धनखड़ ने बताया कि इस मंथनशाला में कुछ अन्य विषयों पर भी मंथन किया गया। उन्होंने मौके पर ही विभाग के आलाधिकारियों के साथ सभी विषयों पर चर्चा की। इसी कड़ी में हर वर्ष 50 हज़ार एमटी यूरिया और केमिकल फर्टिलाइजर का उपयोग कम करने का लक्ष्य तय किया गया। ताकि खेती को हैल्थ के लिए और अच्छा बनाया जाये।
इस अवसर पर किसान आयोग के चैयरमैन डॉ रमेश यादव, किसान मोर्चा के प्रदेशाध्यक्ष नेता संजय भाटी सहित विभागों के अधिकारी मौजूद रहे।
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