चंडीगढ़। केन्द्रीय योजना, रसायन एवं उर्वरक
राज्यमंत्री राव इंद्रजीत सिंह ने आज गुरुग्राम जिला के गांव रणसिका
पहुंचकर रविवार को जम्मू कश्मीर के राजौरी में शहीद हुए कैप्टन कपिल कुंडु
के परिजनों को सांत्वना दी। ये भी पढ़ें - अपने राज्य - शहर की खबर अख़बार से पहले पढ़ने के लिए क्लिक करे
उन्होंने कहा कि उन्हें जो क्षति हुई है, उसकी भरपाई
तो नही की जा सकती परंतु इस दु:ख की घड़ी में सरकार पूरी तरह से परिवार के
साथ खड़ी है। उन्होंने कहा कि एलओसी पर स्थिति से सरकार अवगत है और सही समय
पर पाकिस्तान को जवाब देकर कैप्टन कपिल कुंडु का बदला लिया जाएगा।
केंद्रीय
मंत्री राव इंद्रजीत सिंह जब शहीद कैप्टन कपिल कुंडु के घर पहुंचे तो उस
समय कपिल की मां सुनीता देवी तथा दोनो बहनें सोनिया व काजल घर पर थी। मां
और बहनों ने साहस दिखाया और बिना आंसू बहाए राव इंद्रजीत सिंह से बात की।
राव इंद्रजीत सिंह ने भी उन्हें भरोसा दिलाया कि सरकार की तरफ से सहयोग और
सहानुभूति के नाते जो भी मदद हो सकेगी वह शहीद के परिवार की जाएगी। आगे भी
जब भी परिवार को जरूरत होगी, हम साथ खड़े मिलेगे। उन्होंने कपिल की मां सुनीता देवी को ढांढस बंधाते हुए कहा कि बहन जी, आप यह समझ लें कि
जैसे मेरा भाई, बेटा गुजरा हो, मैं इस प्रकार से शहीद कैप्टन कपिल कुंडु को
मान-सम्मान दिलवाने के लिए हरियाणा सरकार से पैरवी करूंगा। उन्होंंने कहा
कि इस इलाके के होने के नाते कपिल का नाम रोशन करने में वे कोई कसर नहीं
छोड़ेगे।
शहीद
की मां ने राव इंद्रजीत सिंह से कहा कि वे चाहती हैं कि उनके बेटे को रैंक
के अनुसार सम्मान मिले और जिस सम्मान के साथ वह जीया, वह सम्मान उसका आगे
भी बरकरार रहे। इस पर राव इंद्रजीत सिंह ने उन्हें बताया कि भारत सरकार की
तरफ से सेना अधिकारी के बीमा राशि के तौर पर 60 लाख रूपए, 35 लाख रूपए
अनुग्रह राशि तथा 2 लाख रूपए वैलफेयर फण्ड से, कुल मिलाकर 97 लाख रूपए
परिवार को दिए जाएंगे। इसके अलावा, हरियाणा सरकार की नीति के अनुसार परिवार
को 50 लाख रूपए राज्य सरकार देगी। उन्होंने यह भी घोषणा की कि गांव रणसिका
के राजकीय स्कूल का नाम शहीद कैप्टन कपिल कुंडु के नाम पर किया जाएगा तथा
गांव को आने वाली सडक़ व गांव खोड़ के बस अड्डे का नामकरण भी शहीद के नाम पर
किया जाएगा।
ग्रामीणों द्वारा शहीद के नाम पर गांव रणसिका में
स्वास्थ्य केंद्र खोलने तथा उनकी बहनों को सरकारी नौकरी देने की बात है, वे
इस संबंध में मुख्यमंत्री श्री मनोहर लाल से बात करेंगे। उन्होंने कहा कि
राज्य सरकार की नीति में शहीद के परिवार से उसके बच्चे या भाई को नौकरी
देने का प्रावधान तो है लेकिन कपिल की दोनो बहनें विवाहित हैं, ऐसे में
नियम में बदलाव करना पड़ेगा, परंतु जब ग्रामीणों ने बताया कि पहले भी राज्य
में विवाहित बहन को नौकरी दी गई है तो उन्होंने कहा कि यदि ऐसा हुआ है तो
इन्हें भी नौकरी मिलनी चाहिए। उन्होंने माना कि शहीद कैप्टन कपिल कुंडु के
नाम पर भव्य स्मारक बनना चाहिए।
बाद
में मीडिया प्रतिनिधियों से बातचीत करते हुए राव इंद्रजीत सिंह ने कहा कि
उन्होंने अपने जीवन में इस तरह का परिवार नहीं देखा, जिसके बेटे ने दो दिन
पहले ही शहादत दी हो और उनका हौसला आज भी उसी प्रकार बुलंद है, जैसे उस
समय था जब कपिल का सेना में बतौर अधिकारी चयन हुआ था। राव इंद्रजीत सिंह
ने ग्रामीणों विशेषकर महिलाओं से भी अपील की कि वे कपिल के घर में बराबर
आना जाना रखें ताकि उनकी मां को अकेलापन महसूस ना हो।
बेटे को जनरल देखना चाहती थी मां
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