चंडीगढ़। हरियाणा के कृषि एवं किसान कल्याण मंत्री ओम प्रकाश धनखड़
ने कृषि वैज्ञानिकों से आहवान किया कि वे किसानों को कृषि करने के
तौर-तरीके सिखाने के साथ-साथ अच्छे कृषि-व्यवसायी भी बनाएं। ये भी पढ़ें - अपने राज्य - शहर की खबर अख़बार से पहले पढ़ने के लिए क्लिक करे
धनखड़ आज चंडीगढ़ में उत्तरी भारत के आधा दर्जन राज्यों की ‘कौशल विकास से
कृषि विकास’ नामक क्षेत्रीय कार्यशाला के उदघाटन सत्र को संबोधित कर रहे
थे। यह कार्यशाला कृषि में कौशल विकास पर आधारित थी जिसमें
हरियाणा,पंजाब,हिमाचल प्रदेश,उत्तरप्रदेश,जम्मू एवं कश्मीर तथा उतराखंड
राज्य के कृषि एवं बागवानी विभाग के वैज्ञानिकों ने भागीदारी की।
कृषि
एवं किसान कल्याण मंत्री ने कहा कि पूर्व की सरकारों की गलत नीतियों के
कारण कृषि क्षेत्र की दुर्गति हुई है। अब इस क्षेत्र में व्यापक मंथन की
आवश्यकता है ताकि किसान की आर्थिक हालत में सुधार हो सके। उन्होंने बताया
कि किसानों में व्यवसायी हूनर विकसित करने के लिए हरियाणा सरकार द्वारा दो
एग्रो लीडरशिप सम्मिट की जा चुकी हैं और एक सम्मिट अगले साल मार्च में
होगी।
उन्होंने
कहा कि हरियाणा पहला राज्य है जो कृषि क्षेत्र में पूरी तरह से जोखिम-फ्री
बन गया है,लेकिन अभी और अधिक बेहतरी की तरफ जाना है। उन्होंने कहा कि
हरियाणा को दूध उत्पादन के क्षेत्र में भी नंबर वन बनाना चाहते हैं।
उन्होंने कृषि वैज्ञानिकों को हरियाणा की लोकेशन का लाभ उठाने की ओर इशारा
करते हुए कहा कि सिंगापुर और हांगकांग जैसे देशों को उनकी अदभूत लोकेशन का
खूब फायदा मिला है जिसके कारण पर्यटन व अन्य क्षेत्रों में वे आगे बढ़ पाए
हैं। उन्होंने कहा कि हरियाणा के लिए भी यह सौभाग्य की बात है कि वह देश की
राजधानी दिल्ली के तीन ओर फैला हुआ है। दिल्ली में हरियाणा के कृषि व
बागवानी के उत्पादों की काफी खपत हो सकती है इसलिए हमें किसानों को
पारंपरिक कृषि के अलावा फल,फूल,मत्स्य एवं अन्य लाभप्रद व्यवसाय करने के
प्रति प्रेरित करना चाहिए।
धनखड़ ने किसानों को देश की रीढ़ बताते हुए कहा कि कृषि के क्षेत्र में जो
लीडरशिप आनी चाहिए थी वह अभी तक नहीं आई है। युवा पीढ़ी को कृषि व्यवसायी
बनाने के लिए हरियाणा में एग्रो-बिजिनेस स्कूल खोले जा रहे हैं। उन्होंने
किसानों से भी अपने गांव का ब्रांड बनाने के लिए प्रोत्साहित किया।
उन्होंने कहा कि वर्तमान समय में उद्यमशील खेती से ही किसानों का गुजारा हो
सकता है। उन्होंने कृषि एवं बागवानी के वैज्ञानिकों की ओर मुखातिब होते
हुए कहा कि वे किसानों को केवल अच्छी पैदावार लेने के लिए ही नहीं बल्कि
पैदावार को बेचना भी सिखाएं ताकि उनको बिचौलिए लूट न सकें।
उन्होंने
कहा कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के नेतृत्व में केंद्र सरकार कौशल
विकास पर विशेष ध्यान रही है। हरियाणा के पलवल में भी हरियाणा कौशल विकास
विश्वविद्यालय स्थापित किया जा रहा है जिसमें युवाओं को कौशल विकास के
कोर्स करवाए जाएंगे।
इस
अवसर पर भारत सरकार की ओर से संयुक्त सचिव अमिताभ गौतम,कृषि एवं
किसान कल्याण विभाग हरियाणा के निदेशक डी.के बेहरा,बागवानी विभाग
हरियाणा के निदेशक अर्जुन सैनी,चौधरी चरण सिंह हरियाणा कृषि
विश्वविद्यालय हिसार के कुलपति डॉ. के.पी सिंह, पंजाब कृषि विश्वविद्यालय
लुधियाना के कुलपति डॉ. बी.एस ढि़ल्लों के अलावा कई कृषि एवं बागवानी विभाग
के वैज्ञानिक उपस्थित थे।
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