चंडीगढ़। हरियाणा ने उच्चतर शिक्षा विभाग के क्षेत्र में एक नया
कीर्तिमान स्थापित किया है। विश्वविद्यालय अनुदान आयोग द्वारा देश के जिन
21 राज्य विश्वविद्यालयों को स्वायत्तता प्रदान की गई है उनमें से 2
हरियाणा के राज्य विश्वविद्यालय क्रमश: कुरुक्षेत्र विश्वविद्यालय,
कुरुक्षेत्र और गुरू जंभेश्वर विज्ञान और प्रौद्योगिकी विश्वविद्यालय,हिसार
शामिल हैं। ये भी पढ़ें - अपने राज्य - शहर की खबर अख़बार से पहले पढ़ने के लिए क्लिक करे
इसके अलावा देश के जिन दो निजी विश्वविद्यालयों को यह सम्मान
हासिल हुआ है उनमें भी एक हरियाणा का ओ.पी जिंदल गलोबल
विश्वविद्यालय,सोनीपत शामिल है जो कि प्रदेश के लिए गौरव की बात है। अब इन
विश्वविद्यालयों को अकादमिक और प्रशासनिक निर्णय लेने में और अधिक
स्वतंत्रता मिलेगी।
हरियाणा
के शिक्षा मंत्री राम बिलास शर्मा ने इस बारे में जानकारी देते हुए
बताया कि हरियाणा सरकार प्रदेश में उच्चतर शिक्षा विभाग में गुणवत्ता लाने
के लिए प्रतिबद्घ है। उन्होंने बताया कि हरियाणा के विश्वविद्यालयों के
प्रशासन के प्रयासों की बदौलत प्रदेश के उच्चतर शिक्षा विभाग ने नई
ऊंचाइयों को छुआ है। वर्ष 2015-16 में किए गए सर्वे के अनुसार भारत में कुल
799 विश्वविद्यालय हैं।
उन्होंने
बताया कि स्वायत्तता के क्षेत्र में कुरुक्षेत्र विश्वविद्यालय,
कुरुक्षेत्र को ग्रेड-एक के साथ राष्ट्रीय मूल्यांकन एवं प्रत्यायन परिषद
(NACC ) द्वारा 3.52 स्कोर दिया गया है जिससे यह विश्वविद्यालय पूरे
देश में आठवें स्थान पर आया है। इसी प्रकार गुरू जंभेश्वर विज्ञान और
प्रौद्योगिकी विश्वविद्यालय,हिसार को ग्रेड-2 स्वायत्तता के साथ एन.ए.ए.सी
स्कोर 3.28 मिला जिससे यह विश्वविद्यालय पूरे देश में 21 वें स्थान पर रहा।
शर्मा ने बताया कि कहा कि पूरे देश के केवल दो निजी
विश्वविद्यालयों को स्वायत्तता का सम्मान हासिल हुआ है। इनमें ओ.पी जिंदल
ग्लोबल विश्वविद्यालय, सोनीपत को ग्रेड -2 स्वायत्तता के साथ एन.ए.एसी
स्कोर 3.26 मिला है जिसके कारण यह विश्वविद्यालय निजी विश्वविद्यालयों की
श्रेणी में पूरे देश में प्रथम स्थान पर रहा है। उच्चतर
शिक्षा विभाग,हरियाणा की प्रधान सचिव श्रीमती ज्योति अरोड़ा ने बताया कि
राज्य सरकार ने उच्च शिक्षा के सभी संस्थानों के लिए राष्टï्रीय मूल्यांकन
एवं प्रत्यायन परिषद (एन.ए.ए.सी) से मान्यता लेना अनिवार्य किया हुआ है। इस
बारे में राज्य के सभी विश्वविद्यालयों के कुलपतियों और कॉलेज के
प्रिंसिपलों को आवश्यक निर्देश जारी किए गए हैं।
उन्होंने बताया कि राज्य में उच्चतर शिक्षा में कई सुधार किए गए
हैं। सरकार ने उच्चतर शिक्षा से जुड़े संस्थानों की विभिन्न मानकों पर
समीक्षा करने के लिए पहली बार एक प्रारूप तैयार किया है जिसमें शैक्षणिक
गुणवत्ता, शोध, रोजगारक्षमता, अवसंरचना, समग्रता और सामाजिक प्रभाव, सहयोग
जैसे कई मापदंड बनाए गए हैं। इससे उच्चतर शिक्षा की गुणवत्ता और पहुंच में
सुधार होगा।
अरोड़ा ने बताया कि महाविद्यालयों की शिक्षा को रोजगार या नौकरी उन्मुख
बनाने के लिए एक रूपरेखा बनाई गई है जो कि अगले शैक्षणिक सत्र से लागू की
जाएगी। अरोड़ा ने कहा कि इन विश्वविद्यालयों को यूजीसी के नए
नियमों ‘कैटेगराइजेशन ऑफ यूनिवर्सिटीज फोर ग्रांट ऑफ ग्रेडिड ऑटोनोमी’ के
अनुसार तीन श्रेणियों के तहत स्वायत्तता दी गई है। यह स्वायत्तता राष्ट्रीय
आकलन और प्रत्यायन परिषद (एनएएसी) द्वारा दिए गए स्कोर पर आधारित है जो
उन्हें अकादमिक और प्रशासनिक निर्णय लेने में और अधिक स्वतंत्रता प्रदान
करेगी।
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