चण्डीगढ़। हरियाणा के शिक्षा मंत्री राम बिलास शर्मा ने कहा कि शिक्षा प्रणाली को कौशल विकास के माध्यम से और अधिक रोजगारपरक बनाने की आवश्यता है ताकि हमारे युवा न केवल सक्षम बन सकें बल्कि रोजगार के अवसर प्राप्त कर रोजगार सृजक भी बन सकें। ये भी पढ़ें - अपने राज्य - शहर की खबर अख़बार से पहले पढ़ने के लिए क्लिक करे
शर्मा आज यहां हरियाणा सरकार द्वारा आयोजित चिंतन शिविर के दूसरे दिन हरियाणा को सक्षम बनाने विषय पर आयोजित सत्र में बोल रहे थे। उन्होंने वर्तमान सरकार द्वारा शिक्षा पिछले तीन सालों में लाए गए गुणात्मक बदलाव पर भी प्रकाश डाला।
इस अवसर उद्योग एवं वाणिज्य, औद्योगिक एवं प्रशिक्षण एवं कौशल विकास विभाग के मंत्री विपुल गोयल ने अपने संबोधन में कहा कि प्राथमिक स्तर पर वांछित लक्ष्य प्राप्त करने के लिए शिक्षा के वातावरण में बदलाव की आवश्यकता है। उन्होंने कहा कि हर दो वर्ष उपरांत कौशल अंतराल पर अध्ययन करने की आवश्यकता है।
उच्चतर शिक्षा विभाग की प्रधान सचिव ज्योति अरोडा ने हरियाणा को सक्षम बनाने पर प्रस्तुतिकरण दिया। उन्होंने हरियाणा सरकार के विजन, उच्चतर शिक्षा, तकनीकी शिक्षा, विद्यार्थी संख्या, सरकारी तथा निजी महाविद्यालयों तथा तकनीकी संस्थानों में विद्यार्थियों के दाखिले की स्थिति की जानकारी भी दी।
इस अवसर पर स्कूल शिक्षा विभाग के अतिरिक्त मुख्य सचिव डा के के खडेलवाल, चिकित्सा शिक्षा विभाग के अतिरिक्त मुख्य सचिव धनपत सिंह, अतिरिक्त मुख्य सचिव धीरा खंडेलवाल, प्रधान सचिव ए के सिंह, टीसी गुप्ता, सुधीर राजपाल, हरियाणा विश्वकर्मा कौशल विश्वविद्यालय के कुलपति प्रो राज नेहरू, वाईएससीए विज्ञान एवं प्रौद्योगिकी विश्वविद्यालय के कुलपति प्रो दिनेश कुमार, रेवाडी के उपायुक्त पंकज और जीबीएम ग्रुप से निशांत ने भी सक्षम हरियाणा पर सुझाव दिया।
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