चंडीगढ़। हरियाणा में कृषि सुधारों के माध्यम से वर्ष 2022 तक किसानों की आय दोगुनी करने के प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के लक्ष्य को आगे बढ़ाने की कड़ी में शीघ्र ही चंडीगढ़ में किसान सूक्ष्म अर्थ व्यवस्था पर व चौधरी चरण सिंह हरियाणा कृषि विश्वविद्यालय, हिसार में किसान राऊंड टेबल वार्ता आयोजित करने का निर्णय लिया गया है, जिसमें किसानों के साथ साथ कृषि विभाग के वरिष्ठ अधिकारी व कृषि वैज्ञानिक व पशुपालन व डेयरी तथा मत्स्य पालन विभाग के अधिकारी भाग लेंगे। ये भी पढ़ें - अपने राज्य - शहर की खबर अख़बार से पहले पढ़ने के लिए क्लिक करे
यह जानकारी आज यहां हरियाणा प्रशासनिक सुधार विभाग के तत्वाधान में चल रहे हरियाणा सरकार के चिंतन शिविर के दूसरे दिन कृषि सुधारों के तहत किसानों की आय दोगुणी करने के सत्र की अध्यक्षता करते हुए हरियाणा के कृषि एवं किसान कल्याण मंत्री ओ पी धनखड़ ने दी।
बैठक में धनखड़ ने वर्ष 2015-16 को बेस साल मान कर हरियाणा की कृषि की स्थिति पर प्रस्तुतिकरण दिया। उन्होंने बताया कि हरियाणा में लगभग 91.75 लाख एकड़ कृषि योग्य भूमि हैं जिसमें वर्ष 2015-16 में खाद्यान्नों का उत्पादन 338.78 लाख मीट्रिक टन हुआ था। कृषि एवं संबंद्ध क्षेत्र से कुल आय 65158.90 करोड़ रुपये हुई थी।
उन्होंने बताया कि किसानों की शुद्घ आय प्रति एकड़ 60000 या एक लाख करने का लक्ष्य है। उन्होंने कहा कि इसके लिए मिश्रित खेती, कम आमदनी से अधिक आमदनी की फसलों की ओर बढऩा, उपज बढ़ाना, खेती के साथ-साथ पशु पालन को बढ़ावा देना, वैल्यू ऐडिशन पैकेजिंग, बांर्डिंग, एग्री सर्विस, डायरेक्ट मार्किटिंग, कृषि आदान लागत को कम करना तथा एकीकृत कृषि को बढ़ावा देना होगा।
धनखड़ ने इस बात की जानकारी दी कि पिछले तीन सालों में वर्तमान सरकार के कार्यकाल के दौरान हरियाणा के किसान को जोखिम मुक्त बनाने की कई पहल की गई है। इस कड़ी में फसलों की नुकसान की भरपाई के लिए अधिकतम मुआवजा 12000 रुपये प्रति एकड़ किया गया है।
इसी प्रकार, हरियाणा के इतिहास में वर्ष 2015 में गेहूं की फसल के नुकसान पर 1092 करोड़ रुपये, 2016 में सफेद मक्खी के प्रकोप से कपास की फसल के नुकसान पर 976 करोड़ रुपये की राशि वितरित की गई। प्रधानमंत्री फसल बीमा योजना के तहत किसानों को 277 करोड़ रुपये के बीमा का भुगतान किया गया है। इस प्रकार से तीन सालों में कुल 3043 करोड़ रुपये की राशि वितरित की गई है जिसमें 268 करोड़ रुपये की पिछली सरकारे की बकाया राशि भी शामिल है।
उन्होंने बताया कि पिछले तीन सालों में लगातार समर्थन मूल्य बढ़ाने से किसानों की प्रति एकड़ आय में बढ़ौतरी हुई है। उन्होंने बताया कि मत्स्य उत्पादन भी चालीस प्रतिशत बढ़ा है। पोली हाऊस जैसे संरक्षित खेती में 300 प्रतिशत बढ़ौतरी हुई है। उन्होंने कहा कि डायरेक्ट मार्किटंग के तहत 72 किसान उत्पादक समूह के साथ 25 हजार किसान जुड़े हैं। इसके अलावा, आनलाईन मार्किटिंग से भी दर्जनों फर्मों द्वारा एग्री सर्विस उपलब्ध करवाई जा रही है। प्रदेश में 40 किसान बाजार व अपनी मंडी संचालित की जा रही है।
धनखड़ ने बताया कि विभिन्न स्कीमों के तहत बिजली, उर्वरक, बागवानी, पशुपालन, मछली पालन तथा किसानों के ब्याज के एवज में सरकार द्वारा वहन किए जा रहे खर्चें के तहत प्रति वर्ष कुल 11290 करोड़ रुपये की सब्सिडी दी जाती है। धनखड़ ने किसानों की आय वर्ष 2022 तक दोगुणी करने के लक्ष्य को हासिल करने की आगामी नीतियों पर प्रकाश डाले हुए कहा कि दिल्ली व एनसीआर के पांच करोड़ की जनसंख्या की मांग के अनुरूप संपूर्ण हरियाणा को पैरी अर्बन खेती की ओर ले जाना, खाद्यान्न के कटोरे को फल, फूल सब्जी, दूध, अण्डे व मछली के कटोरे में बदलना, फ्रे श सप्लाई को हरियाणा की ताकत बनाना। किसान परिवारों को बाजार के गुर सिखाना, सुक्ष्म सिंचाई को बढाकर 10 प्रतिषत भूमि को जैविक खेती के अंतर्गत लाना, फसल अवशेष प्रबंधन, मृदा स्वास्थ्य बेहतर करना तथा फैषनेवल कृषि किस्मों को बढावा देना है।
सत्र की उपाध्यक्षता श्रम एवं रोजगार कल्याण मंत्री नायब सिंह सैनी ने की। कृषि एवं किसान कल्याण विभाग के प्रधान सचिव डा. अभिलक्ष लिखी ने सत्र में भाग लेने वाले अतिथियों का स्वागत किया और आशा व्यक्त की कि निश्चित रूप से इस सत्र से साकारात्मक परिणाम मिलेंगे और हरियाणा प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के 2022 तक किसानों की आय दोगुणी करने वाला देश का अग्रणी प्रदेश होगा।
सत्र में मुख्य सचिव डी एस ढेसी, मुख्यमंत्री के उप-प्रधान सचिव मनप्रीत बराड, अतिरिक्त मुख्य सचिव पीके महापात्रा, अतिरिक्त मुख्य सचिव सुनील गुलाटी, प्रधान सचिव सुमिता मिश्रा, हरियाणा किसान आयोग के अध्यक्ष डा रमेश यादव, चौधरी चरण सिंह हरियाणा कृषि विश्वविद्यालय के कुलपति प्रो आरपी सिंह, एनडीआरआई से आर आर एम सिंह, कृषि विशेषज्ञ एम एल जाट, करनाल के उपायुक्त डा आदित्य दहिया, कृषि विभाग के निदेशक डीआर बेहरा ने भी संबोधित किया और महत्वपूर्ण सुझाव दिए जिसका कृषि मंत्री ने स्वागत किया और अच्छे सुझावों को आने वाले मंच पर रखा जाएगा।
अब्बास अंसारी पिता के जनाजे में शायद ही हो सकेंगे शामिल, लोगों ने कहा - जब राम रहीम को पैरोल तो...
हरियाणा में 1 अप्रैल से शुरू होगी गेहूं की खरीद, 417 मंडियों में खरीद केंद्र बनाए गए
एके एंटनी के बेटे के खिलाफ प्रचार नहीं करेंगी ओमन चांडी की बेटी
Daily Horoscope