चंडीगढ़।
हरियाणा सरकार ने आबकारी एवं कराधान विभाग द्वारा शासित विभिन्न अधिनियमों
के तहत मुकद्दमेबाजी को कम करने, चूककर्ताओं का बोझ कम करने तथा अतिदेय
राशि को समाप्त करने के लिए ‘बकाया राशि की वसूली हेतु हरियाणा एकमुश्त
समायोजन योजना, 2017’ लागू करने का निर्णय लिया है। ये भी पढ़ें - अपने राज्य - शहर की खबर अख़बार से पहले पढ़ने के लिए क्लिक करे
इस आशय का एक निर्णय
मुख्यमंत्री मनोहर लाल की अध्यक्षता में आज यहां हुई राज्य मंत्रिमण्डल की
बैठक में लिया गया। यह महसूस किया गया कि पहली जुलाई, 2017 से हरियाणा माल
एवं सेवा कर अधिनियम, 2017 लागू होने से पहले यह योजना लाभकारी साबित
होगी।
इस योजना के तहत बकाया देय राशि के समायोजन का विकल्प चुनने
वाले व्यक्ति को 31 मार्च, 2017 तक की अवधि के लिए विभिन्न अधिनियमों के
तहत लागू या लिए जाने वाले कर की पूरी राशि का भुगतान करना होगा। वह 31
मार्च, 2017 तक की अवधि के लिए विभिन्न अधिनियमों के तहत लागू या लिए जाने
वाले ब्याज की 10 प्रतिशत राशि का भुगतान करके ब्याज राशि पर 90 प्रतिशत
माफी का लाभ ले सकता है।
जुर्माने के मामले में, किसी व्यक्ति को
प्रासंगिक अधिनियमों के तहत अन्य अपराधों के लिए जुर्माना राशि की 25
प्रतिशत राशि का भुगतान करना होगा और ऐसे अपराधों के लिए माफी की सीमा
जुर्माना राशि का 75 प्रतिशत होगी। कोई भी व्यक्ति प्रासंगिक अधिनियमों के
तहत कर की चोरी के अपराध या कर से बचने के प्रयास के लिए ली जाने वाली राशि
की 50 प्रतिशत राशि का भुगतान करके जुर्माना राशि की 50 प्रतिशत माफी का
लाभ ले सकता है।
इस योजना के तहत 31 मार्च, 2017 तक देय बकाया राशि
शामिल होगी। यह योजना हरियाणा सामान्य बिक्री कर, 1973 (निरस्त अधिनियम),
हरियाणा मूल्य वर्धित कर अधिनियम, 2003; केन्द्रीय बिक्री कर अधिनियम,
1956; हरियाणा स्थानीय क्षेत्र विकास कर अधिनियम, 2000 (निरस्त अधिनियम);
स्थानीय क्षेत्र में माल के प्रवेश पर हरियाणा कर अधिनियम, 2008 (लिटीगेशन
के तहत); हरियाणा विलासिता वस्तु कर अधिनियम, 2007; पंजाब मनोरंजन शुल्क
अधिनियम, 1955; पंजाब यात्री एवं माल कराधान अधिनियम, 1952 (निरस्त
अधिनियम) तथा पंजाब आबकारी अधिनियम, 1914 (जैसाकि हरियाणा में लागू है) के
लिए लागू होगी।
इस योजना को चुनने वाले व्यक्ति को 28 जून, 2017 को या इससे पहले आकलन प्राधिकारी को आवेदन करना होगा।
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