चंडीगढ़। हरियाणा के उद्योग एवं वाणिज्य विभाग द्वारा उठाए गए एक अहम कदम की बदौलत फायरमैन व सैकिंड क्लास बॉयलर अटैंडेंट का कोर्स कर चुके प्रदेश के करीब 1700 युवाओं के लिए 14 साल बाद रोजगार के नए अवसर पैदा हुए हैं तथा पदौन्नति का मार्ग प्रशस्त हुआ है। ऐसा संभव हो पाया है हरियाणा के उद्योग एवं वाणिज्य मंत्री विपुल गोयल के प्रयासों से। ये भी पढ़ें - अपने राज्य - शहर की खबर अख़बार से पहले पढ़ने के लिए क्लिक करे
उद्योग एवं वाणिज्य विभाग के एक प्रवक्ता ने बताया कि फायरमैन, बॉयलर अटैंडेंट फस्र्ट क्लास व सैंकिड क्लास का प्रमाण-पत्र प्राप्त कर चुके युवाओं के लिए प्राइवेट कंपनियों में रोजगार के काफी अवसर होते हैं। फायरमैन का कोर्स करने के बाद अनुभव रखने वाले युवाओं को साक्षात्कार के रूप में तकनीकी परीक्षा पास करने के बाद बॉयलर अटैंडेंट फस्र्ट क्लास के रूप में पदोन्नति दी जाती है तथा बॉयलर अटैंडेंट फस्र्ट क्लास को सैंकिड क्लास के रूप में पदौन्नति दी जाती है। साक्षात्कार लेने के लिए विभाग का एक बोर्ड गठित करना होता है जिसकी अवधि 3 वर्ष की होती है। उन्होंने बताया कि पिछले 14 वर्षों से बोर्ड का गठन न होने के कारण बॉयलर पर काम करने वाले फायरमैन, बॉयलर अटैंडेंट फस्र्ट क्लास तथा बॉयलर अटैंडेंट सैंकिंड क्लास की तकनीकी परीक्षा नहीं हो पाई,इससे जहां हरियाणा के हजारों युवाओं में से अनेक रोजगार पाने से वंचित रह गए वहीं बहुत से युवाओं की पदौन्नति नहीं हो पाई।
उन्होंने बताया कि जब इस मामले की जानकारी हरियाणा के उद्योग एवं वाणिज्य मंत्री विपुल गोयल को लगी तो उन्होंने तुरंत तकनीकी परीक्षा लेने के लिए बोर्ड का गठन करने के निर्देश दिए। बोर्ड का गठन करने के बाद बॉयलर अटैंडेंट फस्र्ट क्लास व सैंकिड क्लास की तकनीकी परीक्षा अर्थात साक्षात्कार अक्तूबर 2017 से नवंबर 2017 तक लिया गया। उन्होंने बताया कि बॉयलर एक्ट 1923 के बॉयलर अटैंडेंट रूल 2011 व केंद्रीय बॉयलर बोर्ड भारत सरकार के निर्देशानुसार सैंकड क्लास बॉयलर अटैंडेंट के लिए 10वीं कक्षा पास व 2 साल का बॉयलर पर फायरमैन के पद पर कार्य करने का अनुभव तथा फर्स्ट क्लास बॉयलर अटैंडेंट के लिए सैंकिड क्लास बॉयलर अटैंडेंट का प्रमाण-पत्र व तीन साल का बॉयलर पर कार्य करने का अनुभव आवश्यक होता है। उन्होंने बताया कि बॉयलर अटैंडेंट सैंकिड क्लास के लिए 1458 आवेदकों ने परीक्षा दी जिनमें से 1158 आवेदन उत्तीर्ण हुए और बॉयलर अटैंडेंट फस्र्ट क्लास के लिए 1084 आवेदकों ने तकनीकी परीक्षा जिनमें से 549 युवा उत्तीर्ण हुए।
प्रवक्ता के अनुसार तकनीकी परीक्षा पास करने के बाद बॉयलर अटैंडेंट सैंकिड क्लास 200 मीटर स्कवेयर हिटिंग सरफेस तक के बॉयलर पर पूरे देश में कहीं भी कार्य कर सकते हैं। इसी प्रकार, फस्र्ट क्लास बॉयलर अटैंडेंट तकनीकी परीक्षा पास करने के बाद 1000 मीटर स्कवेयर हिटिंग सरफेस तक के बॉयलर पर कार्य कर सकते हैं।
उद्योग एवं वाणिज्य मंत्री विपुल गोयल ने कहा-
गोयल ने कहा कि पिछली सरकार के लापरवाही के कारण फायरमैन व सैकिंड क्लास बॉयलर अटैंडेंट की तकनीकी परीक्षा के लिए 14 सालों तक बोर्ड का गठन नहीं किया गया जिसके कारण हजारों युवा जहां रोजगार पाने से वंचित रहे वहीं अनेक युवाओ को पदोन्नति का अवसर नहीं मिल पाया। हमारी सरकार अधिक से अधिक युवाओं को रोजगार देने के लिए दृढ़ संकल्प है और इसी कड़ी में फायरमैन व सैकिंड क्लास बॉयलर अटैंडेंट की तकनीकी परीक्षा आयोजित करवाई। इससे युवाओं को रोजगार के नए अवसर व पदौन्नति का मौका मिल सकेगा। सरकार के इस कदम से प्राइवेट कंपनियों को भी अनुभवी व प्रशिक्षित बॉयलर अटैैंडेंट मिल पाएंगे।
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