चंडीगढ़। हरियाणा भाजपा अध्यक्ष सुभाष बराला की मुसीबत और बढ़ने वाली है। बराला के भतीजे और पोते पर रेप का
आरोप लगाने वाली नाबालिग लड़की को वर्णिका वाले केस से इतनी हिम्मत मिली कि
वह भी मीडिया के सामने आ गई। ये भी पढ़ें - अपने राज्य - शहर की खबर अख़बार से पहले पढ़ने के लिए क्लिक करे
उसका कहना है कि वह भी वर्णिका कुंडू की
तरह अपनी लड़ाई लड़ेगी। उसका कहना है कि सुभाष बराला के प्रभाव में पुलिस
ने उस पर दबाव डालकर अपने मुताबिक बयान लिखवा लिए थे। उसने कहा कि सुभाष
बराला का भतीजा और पोता उसे जबरन गाड़ी में डालकर ले गए थे, लेकिन पुलिस ने
दबाव डालकर अपनी मर्जी से उनके साथ जाने की बात लिखवा ली थी। सदर एस.एच.ओ.
प्रदीप ने उसे भूना की तत्कालीन एसएचओ. बिमला देवी के पास भेजा था,
जिन्होंने उस पर दबाव बनाया था और मजबूरी में उसे लिखना पड़ा था कि वह
पारिवारिक समस्या के चलते खुद दोनों के साथ गई थी।
8 मई 2017 का है मामला
उल्लेखनीय है कि मामला 8 मई 2017 का है, जहां बराला के पैतृक गांव
बढ़ईखेड़ा से एक नाबालिग लड़की किडनैप हुई थी। ये आरोप बराला के पोते यानी
उनके भतीजे के बेटे विक्रम उर्फ विक्की बराला पर लगे थे। इस मामले में
विक्की के खिलाफ केस दर्ज हो चुका है। मामला इतना बढ़ा था कि उनके ही गांव
के लोगों ने सुभाष बराला के खिलाफ विरोध प्रदर्शन करते हुए नेशनल हाइवे जाम
किया था।
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