चण्डीगढ़। हरियाणा के मुख्यमंत्री मनोहर लाल ने कहा कि प्रदेश के सभी
जिलों में वकीलों की सहायता के लिए डिजिटल लाईब्रेरी खोली जाए, क्योंकि आज
का युग डिजिटल युग हैं और इससे वकीलों को शीघ्रता के साथ सही समय पर नए-नए
कानूनों और निर्णयों की जानकारी मिल सकेगी। मुख्यमंत्री ने प्रदेश के जिन
जिलों में डिजीटल लाईब्रेरी नहीं हैं, उनके लिए दो-दो लाख रुपए की राशि
देने की घोषणा भी की। इसके अलावा, मुख्यमंत्री ने बार कांउसिल के लिए भी 21
लाख रुपए की राशि देने की घोषणा की। ये भी पढ़ें - अपने राज्य - शहर की खबर अख़बार से पहले पढ़ने के लिए क्लिक करे
मुख्यमंत्री ने यह घोषणाएं व जानकारी आज यहां पंजाब एवं हरियाणा बार
काउसिंल की ओर से द एडवोकेटस वेलफेयर फंड अधिनियम, 2001 के तहत कल्याण
योजना के शुभारंभ अवसर पर की। इस मौके पर मुख्यमंत्री ने 25 रुपए की
वेलफेयर स्टैम्प की भी शुरूआत की। उन्होंने इस अवसर पर वकीलों को आगाह करते
हुए कहा कि इस कल्याण योजना के तहत फंड एकत्रित करने के लिए मुकदमेबाजी
अधिक न हों, ऐसा अवश्य ध्यान रखा जाए। उन्होंने वकीलों से आह्वान करते हुए
कहा कि जो वकील ज्यादा कमाई करते है वे सामाजिक सुरक्षा और विकास में अपना
योगदान दें ताकि देश व प्रदेश का विकास हो और इससे अंतोदय का अर्थ भी सफल
होगा।
उन्होंने प्रदेश के वकीलों से अपील करते हुए कहा कि वे गरीब व असहाय
व्यक्तियों की सहायता व सहयोग करके भी अपना योगदान दे सकते हैं ताकि उन्हें
किफायती व त्वरित न्याय मिल सकें। उन्होंने कहा कि हालांकि सरकार ने
गरीबों की सहायता के लिए निशुल्क विधिक सहायता केन्द्र खोले हुए है।
उन्होंने कहा कि सरकार सदैव ही लोकहित के कार्यों के लिए आगे रहती हैं और
कार्य करती हैं परंतु जिन वकीलों की आय अधिक हैं और उनका सामर्थ्य अधिक है
तो वे भी समाज के कल्याण में अपना योगदान दे सकते हैं।
मुख्यमंत्री
ने कहा कि देश के प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी की सोच है कि फंड सृजित
किया जाए और इसमें पारदर्शिता के साथ काम किया जाए ताकि एक समय के बाद ऐसे
सभी व्यक्तियों की मदद की जाए जो बीमार और सेवानिवृत हो जाते हैं। उन्होंने
कहा कि देश में नोटबंदी का एक बड़ा फैसला लिया गया जिससे काला धन अर्जित
करने वालों की कलई खोली गई और इसका सबसे बडा असर यह रहा है कि आज लोग
ईमानदारी से आय की कमाई करते हैं अर्थात नोटबंदी से एक मानस बना है।
मुख्यमंत्री ने जीएसटी का जिक्र करते हुए कहा कि जीएसटी लागू से होने से
लोगों व व्यापारियों को एक प्रकार से सुविधा हुई है क्योंकि पहले एकाधिक कर
थे और अब 7 से 8 करों को समायोजित करके जीएसटी लागू किया गया है।
उन्होंने
प्रदेश में वृद्धों को दी जाने वाली सम्मान सहायता राशि का जिक्र करते हुए
कहा कि प्रदेश के पूर्व मुख्यमंत्री व देश के पूर्व उपप्रधानमंत्री देवी लाल ने वृद्धों को 100 रुपए की पेंशन शुरू की थी, जो एक अच्छा कदम था
और आज उनकी सरकार ने इस पेंशन को चरणबद्ध तरीके से लागू करने का काम किया
है। उन्होंने कहा कि प्रदेश सरकार द्वारा वृद्धों को अब 1600 रुपए की पेंशन
दी जा रही है जो 1 जनवरी, 2018 को 1800 रुपए और 1 जनवरी, 2019 को 2000
रुपए हो जाएगी। उन्होंने कहा कि अधिकांश लोगों का मत है कि यदि फंड में
थोडा-थोडा योगदान होता है तो यह जरूरतमंद व्यक्ति को सहायता प्रदान कर सकता
है, जिस प्रकार से सरकारी कर्मचारियों का भविष्य निधि होती है और जिसमें
कर्मचारी व सरकार के माध्यम से योगदान किया जाता है।
मुख्यमंत्री
ने द एडवोकेटस वेलफेयर फंड अधिनियम, 2001 के तहत कल्याण योजना की प्रशंसा
करते हुए कहा कि यह एक अच्छा व नायाब तरीका है जिसके तहत बिमारी, मृत्यु व
लाईसेंस छोडने के उपरांत वकील को सहायता राशि मुहैया करवाई जाएगी। उन्होंने
इस योजना पर अपना सुझाव देते हुए कहा कि इस योजना में बीमा का भी विकल्प
रखा जाए ताकि ज्यादा से ज्यादा राशि जरूरतमंद को मुहैया करवाई जा सके।
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