गांधीनगर। उत्तर प्रदेश में योगी आदित्यनाथ सरकार की ओर से अवैध बूचडखानों
को बंद करने की कार्रवाई के बाद गुजरात विधानसभा ने बेशक गोवंश की रक्षा के
लिए कडा कानून पारित कर दिया है, लेकिन हकीकत यह है कि राज्य में अब भी नौ
अवैध बूचडखाने चल रहे हैं जिसका खुलासा नियंत्रक एवं महालेखा परीक्षक
(कैग) की रिपोर्ट में हुआ है।
हाल ही गुजरात विधानसभा में पेश कैग की रिपोर्ट में कहा गया कि बिना
लाइसेंस के चल रहे ये अवैध बूचडखाने गुजरात के पांच शहरों में हैं. इनमें
से जामनगर में दो बूचडखाने, सूरत में दो, सुरेंद्रनगर में तीन, राजकोट में
एक और वडोदरा में एक है. जनरल एंड सोशल सेक्टर्स-2016 की रिपोर्ट में कैग
ने बताया कि गुजरात में सिर्फ 55 मीट की दुकानें पंजीकृत हैं। एक सर्वे के
मुताबिक गुजरात में महज 39.05 फीसदी जनसंख्या मांसाहारी है।
कैग ने स्टेट फूड एंड ड्रग्स कंट्रोल एडमिनिस्ट्रेशन पर अवैध मीट की
दुकानों और बूचडखानों के खिलाफ कानून के तहत कार्रवाई नहीं करने का आरोप
लगाया है। गुजरात की विजय रूपानी सरकार ने गोवंश की सुरक्षा के लिए
विधानसभा में कानून पास करा चुकी है, जिसके तहत गोहत्या पर आजीवन कारावास
की सजा का प्रावधान है लेकिन दूसरी ओर बूचडखानों के खिलाफ कार्रवाई में
कोताही है।
अब कैग ने सरकार से अवैध बूचडखानों के खिलाफ कार्रवाई करने की
सिफारिश की है।
कांग्रेस ने सरकार पर सवाल दागे हैं। वरिष्ठ कांग्रेस नेता शक्ति सिंह
गोहिल का कहना है कि इन लोगों से बीजेपी को चंदा मिलने के चलते कार्रवाई
नहीं होती है।
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