अहमदाबाद। वीएचपी के अंतरराष्ट्रीय कार्यकारी अध्यक्ष प्रवीण तोगडिय़ा की गुमशुदगी मामले में पुलिस ने बड़ा दावा किया है। पुलिस ने दावा किया है कि तोगडिय़ा ने राजस्थान पुलिस की गिरफ्तारी से बचने के लिए खुद यह सारा ड्रामा रचा था। पुलिस ने उस शख्स का भी पता लगा लिया है जिसने 108 ऐम्बुलेंस को फोन किया था। वह शख्स तोगडिय़ा का ही परिचित है। इसी बीच प्रवीण तोगडिय़ा में मंगलवार को अहमदाबाद में प्रेस कॉन्फ्रेंस की। प्रवीण तोगडिय़ा ने कहा कि मेरी आवाज दबाने का प्रयास किया जा रहा है। मैं हिंदुओं के लिए काम करता रहा हूं। राम मंदिर, स्वास्थ्य, शिक्षा की आवाज मैं उठाता रहा हूं। मैंने केंद्र सरकार को पत्र लिखा। मेरे विरुद्ध केस दर्ज किए गए हैं जिनकी जानकारी भी मेरे पास नहीं हैं। 20-20 साल के केस निकलवाकर एक जेल से दूसरी जेल भेजने का क्रम गुजरात शुरू हुआ था। ये भी पढ़ें - अपने राज्य - शहर की खबर अख़बार से पहले पढ़ने के लिए क्लिक करे
उन्होंने कहा मैं परसों मुंबई के कार्यक्रम में था। रात में मैं लौटा और पुलिस को कहा कि 2.30 बजे आओ। सुबह मैं पूजा पाठ कर रहा था। तभी एक व्यक्ति मेरे कमरे में आया और बोला कि तुरंत कार्यालय छोड़ दो आपका एनकाउंटर करने के लिए लोग निकले हैं। मुझे लगा कि कुछ दुर्घटना हुई तो मुझे जो होगा सो होगा लेकिन पूरे देश में बुरी परिस्थिति खड़ी होगी। मैं बाहर निकला और पुलिस को कहा कि मैं भाग नहीं रहा हूं। मैंने ऑटो रिक्शा लिया और रास्ते में राजस्थान के गृह मंत्री से संपर्क किया। इसके बाद मैंने अपने मोबाइल स्विच ऑफ कर दिए ताकि मेरी स्थिति का पता न चले। मेरी जानकारी में मेरे खिलाफ राजस्थान में कोई केस नहीं था।
पता चला कि वे मुझे अरेस्ट करने आए हैं। मुझे कहा गया कि आप कोर्ट के सामने आ जाइये। अगर मैं राजस्थान पुलिस की पकड़ में आता तो मेरे खिलाफ लंबे समय से षड्यंत्र किया जा रहा है। मेरी संपत्ति के नाम पर किताबों और भगवान के आसन के अलावा कुछ नहीं है। प्रेस कॉन्फ्रेंस के दौरान प्रवीण तोगडिय़ा भावुक नजर आए। उन्होंने कहा कि न्यायालय में आत्मसमर्पण करके न्यायपत्र का आदर करूंगा। मैंने कोई अनैतिक काम नहीं किया है। मैं कानून का पालन करूंगा। मेरा जीवन रहे या न रहे, मैं राम मंदिर. गोरक्षा के लिए अकेला लडऩा पड़े तो लड़ता रहूंगा। मेरी संपत्ति के नाम पर किताबों और भगवान के आसन के अलावा कुछ नहीं है।
आपको बता दें कि राजस्थान पुलिस सोमवार को तोगडिय़ा को एक दस साल पुराने केस में अदालत के आदेश पर गिरफ्तार करने आई थी। राजस्थान की गंगापुर कोर्ट ने दस साल पुराने दंगे के एक मामले को लेकर तोगडिय़ा के खिलाफ अरेस्ट वॉरंट जारी किया था। कई बार जमानती वॉरंट जारी होने के बावजूद जह वह कोर्ट में पेश नहीं हुए तो कोर्ट ने उनके खिलाफ गैर-जमानती वॉरंट जारी कर दिया। इसी वॉरंट को तामील कराने के लिए राजस्थान पुलिस सोमवार को अहमदाबाद आई थी, लेकिन तोगडिय़ा के न मिलने पर उसे बैरंग लौटना पड़ा।
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