रविवार शाम भी राहुल गांधी पाटन में एक ढाबे पर रुके और काठियावाड़ी खाने
का लुत्फ उठाया। जहां उन्होंने बाजरे की रोटी, हल्दी लहसुन की सब्जी, छाछ
का लुत्फ उठाया। राहुल ने पारंपरिक तरीके से खाट पर बैठकर खाना खाया और एक
घंटे तक गुजराती धुनों का आनंद उठाया। ये भी पढ़ें - इस पानी को पीओगे तो उतर जाएगा जहर
राहुल गांधी के चुनावी प्रचार
प्रसार के दौरान गुजरात की संस्कृति की एक अमिट छाप देखने को मिली। जिसमें
उनकी रैलियों में बजने वाला धुन गुजराती लोकगीतों से प्रभावित हैं, साथ के
साथ उनकी जनसभाओं में नुक्कड़ सभाओं में गुजराती गीत भी गाए जा रहे हैं
कहीं राहुल आदिवासियों के साथ थिरकते हुए नजर आते हैं तो कहीं गुजराती
पगड़ी पहने।
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