पणजी| गोवा के मत्स्य पालन मंत्री
विनोद पालिंकर ने कहा है कि मछली पकड़ने की घटती दर और स्थानीय स्तर पर
मछली की ऊंची कीमतों के बीच गोवा सरकार मछलियों की कीमतों में स्थिरता लाने
के लिए इसके निर्यात पर अस्थाई प्रतिबंध लगा सकती है।
पणजी से 20 किलोमीटर दूर चापोरा किले के निरीक्षण के दौरान पालिंकर ने
आईएएनएस को बताया कि मत्स्य उद्योग को दी जा रही सब्सिडी से मछली की कीमत
को आम आदमी की पहुंच में लाने में मदद नहीं मिल रही। ये भी पढ़ें - अपने राज्य / शहर की खबर अख़बार से पहले पढ़ने के लिए क्लिक करे
पालिंकर ने
आईएएनएस को बताया, "हम निर्यात पर प्रतिबंध लगाने की सोच रहे हैं।
गोवावासियों को यहां अधिक मछलियां खाने को नहीं मिलतीं। इस पर प्रतिबंध
लगाने की जरूरत है।"
राज्य में फरवरी में हुए विधानसभा चुनाव से
पहले कांग्रेस, आम आदमी पार्टी और गोवा फॉरवर्ड जैसे कई राजनीतिक दलों के
लिए सस्ती मछलियों की उपलब्धता चुनावी मुद्दा बन गया था।
गोवा अपने समुद्री भोजन के लिए जाना जाता है। यहां हर साल आने वाले 60 लाख से अधिक पर्यटकों की वजह से इसकी मांग बनी रहती है।
पालिंकर
ने कहा कि उनका मंत्रालय फिशिंग ट्रॉलर मालिकों के लिए हर साल 108 करोड़
रुपये की सब्सिडी देता है, लेकिन पकड़ी गई अधिकतर मछलियों का निर्यात कर
दिया जाता है।
उन्होंने कहा, "पकड़ी गई अधिकतर मछलियों का निर्यात
कर दिया जाता है। हम इसे कैसे बर्दाश्त कर सकते हैं कि यहां के स्थानीय
लोगों को ही मछली खाने को नहीं मिलती। उन्हें महंगी कीमतों पर मछलियां
खरीदकर खानी पड़ती है?"
पालिंकर ने कहा, "सरकार बड़े ट्रॉलर के लिए
सब्सिडी घटाने पर विचार कर रही है। इससे बची धनराशि का इस्तेमाल मत्स्य
निगम के गठन के लिए किया जाएगा।"
कई समुद्री विशेषज्ञों ने गोवा
सरकार को चेताते हुए कहा है कि गोवा की नदी के मुहाने और राज्य के तटीय
क्षेत्रों में जल प्रदूषण एवं अत्यधिक मछलियां पकड़ने से मछलियों का अकाल
पड़ सकता है।
मत्स्य विभाग के आंकड़ों के मुताबिक, 2014 में 80,849
टन मछलियां पकड़ी गई थीं, जबकि 2015 में यह घटकर 56,270 टन हो गईं। लेकिन
2016 में यह 6,481 टन तक रह गईं।
यही हाल एक अन्य प्रजाति की स्टेपल
मछली माकेरेल के साथ हुआ। 2013 में 12,994 टन माकेरेल्स पकड़ी गई थीं।
2014 में 10,308 टन और 2015 में 10,876 टन मछलियां पकड़ी गईं। इसके साथ ही
2016 में 3,908 टन माकेरेल्स मछलियों को पकड़ा गया।
इसके साथ ही कटल मछली और सिल्वर बेली मछलियों में भी गिरावट आई है।
आईएएनएस
First Phase Election 2024 : पहले चरण में 60 प्रतिशत से ज्यादा मतदान, यहां देखें कहा कितना मतदान
Election 2024 : सबसे ज्यादा पश्चिम बंगाल और सबसे कम बिहार में मतदान
पहले चरण के बाद भाजपा का दावा : देश में पीएम मोदी की लहर, बढ़ेगा भाजपा की जीत का अंतर
Daily Horoscope