नई दिल्ली। राष्ट्रीय एकीकरण की प्रक्रिया के संदर्भ में भाषा की महत्वपूर्ण भूमिका बताते हुए केंद्रीय मंत्री एम. वेंकैया नायडू ने कहा कि हिंदी ही भारत की राष्ट्रीय भाषा है। हिंदी भाषा से हमारी प्रगति संभव है, हमें इस पर गर्व करना चाहिये। नायडू ने देश के अधिकतर कार्यालयों में अंग्रेजी के बढ़ते इस्तेमाल को हिंदी के लिए बेदह खतरनाक बताया है। ये भी पढ़ें - अपने राज्य - शहर की खबर अख़बार से पहले पढ़ने के लिए क्लिक करे
उन्होंने कहा कि हिंदी हर भारतीय की असल पहचान है। वेंकैया नायडू ने कहा कि अंग्रेजी सीखते-सीखते हम अंग्रेजी माइंड में ही आ गए हैं। ये देश के हित में बिल्कुल भी नहीं है। हिंदी भाषा का विरोध करने वालों पर केंद्रीय मंत्री ने तंज कसते हुये कहा कि जो लोग हिंदी का विरोध कर रहें हैं उऩ्हें यह समझना होगा कि मातृभाषा के सम्मान से हमें दूसरी जगहों पर सम्मान प्राप्त होगा।
नायडू ने कहा कि यह दुर्भाग्यपूर्ण है कि भारतीयों द्वारा ही आज मातृभाषा हिंदी को दुत्कारा जा रहा है और विदेशी भाषाओं का आदर किया जा रहा है। उन्होंने कहा कि मैं अंग्रेजों के खिलाफ हूं, लेकिन उनकी भाषा के नहीं। हमें सभी भाषा सीखनी चाहिए। उन्होने कहा कि अंग्रेजी जरूरी है, लेकिन हिंदी के प्रति हमें मानसिकता बदलनी होगी। हिंदी भाषा से हमारी प्रगति संभव है, हमें इस पर गर्व करना चाहिए। गौरतलब है कि वेंकैया नायडू द्वारा हिंदी भाषा के प्रयोग को लेकर कई बार उनका मजाक उड़ाया जाता रहा है।
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