नई दिल्ली। जम्मू-कश्मीर(Jammu and Kashmir ) के राज्याधिकारी, सदरे रियासत और प्रथम राज्यपाल रहे डॉ. कर्ण सिंह (Dr. Karan Singh)ने कहा कि विलय अंतिम और अटल है मैं इसकी वजूद पर सवाल नहीं उठा रहा हूं। वे चाहते हैं कि प्रदेश से जुड़े संवैधानिक मसलों पर मोदी सरकार को सतर्कता बरतनी चाहिए। आपको बताते जाए कि कर्ण सिंह के पिता महाराजा हरि सिंह उनको प्यार से टाइगर कहकर बुलाते थे। वे 20 जून 1949 को जम्मू-कश्मीर के राज्याधिकारी बने और बाद में 17 नवंबर 1952 से लेकर 30 मार्च 1965 तक सदरे रियासत के पद पर बने रहे। डॉ. कर्ण सिंह 30 मार्च 1965 को जम्मू-कश्मीर के पहले राज्यपाल बने। ये भी पढ़ें - अपने राज्य / शहर की खबर अख़बार से पहले पढ़ने के लिए क्लिक करे
देश के नए गृहमंत्री अमित शाह विवादित मसलों का अब हमेशा के लिए समाधान करने की कोशिश में जुटे हैं।
जम्मू-कश्मीर के अंतिम शासक महाराजा हरि सिंह के पुत्र 88 वर्षीय कर्ण सिंह से बातचीत के दौरान उनसे प्रदेश के लिए भावी कार्रवाई को लेकर कई महत्वपूर्ण सवाल किए जो तत्काल मरहम लगाने और मसले का समाधान करने के लिए आवश्यक है।
रोड रेज मामले में कांग्रेस नेता नवजोत सिंह सिद्धू को एक साल की सजा
पूर्व पंजाब कांग्रेस चीफ सुनील जाखड़ भाजपा में शामिल हुए
भाई-बहन की पार्टी बन कर रह गई है कांग्रेस, क्षेत्रीय पार्टियां भी बन गई हैं परिवारवादी पार्टियां - जेपी नड्डा
Daily Horoscope