नई दिल्ली। मुस्लिम समाज में 1400 वर्षो से चली आ रही तीन तलाक की परंपरा पर सुप्रीम कोर्ट की पांच सदस्यीय पीठ अपना फैसला सुनाया। सुप्रीम कोर्ट ने ऐतिहासिक फैसला सुनाते हुए तीन तलाक पर 6 माह के रोक लगा दी है। साथ ही सुप्रीम कोर्ट ने गेंद सरकार के पाले में डालते हुए सरकार को 6 माह में इस पर कानून बनाने के लिए कहा है। ज्ञातव्य है कि जिन पांच जजों की बेंच ने यह फैसला सुनाया है, वे पांचों जज अलग-अलग धर्म से हैं। एससी ने इस मामले में अपना ऐतिहासिक फैसला सुनाता हुए कहा है कि सरकार 6 माह में संसद में तीन तलाक पर कानून बनाए। ये भी पढ़ें - अपने राज्य - शहर की खबर अख़बार से पहले पढ़ने के लिए क्लिक करे
ज्ञातव्य है कि तीन तलाक मामले पर सुप्रीम कोर्ट ने 12 मई से 18 मई के बीच पांच दिन सुनवाई की थी। उल्लेखनीय है कि ऑल इंडिया मुस्लिम पर्सनल लॉ बोर्ड (एआईएमपीएलबी) भी तीन तलाक को भयावह, गुनाह और अवांछनीय करार दिया है और कुरान तथा शरिया में भी इसकी इजाजत नहीं दी गई है। दुनिया के कई मुस्लिम देशों में भी तीन तलाक गैर कानूनी है।
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