नई दिल्ली| वरिष्ठ
समाजवादी नेता और राज्यसभा सांसद शरद यादव ने शनिवार को नीतीश कुमार की
अगुवाई वाले जनता दल-युनाइटेड गुट को 'तीर' चुनाव चिह्न् दिए जाने पर सवाल
उठाए और इस निर्णय के खिलाफ कानूनी व लोकतांत्रिक तरीके से लड़ाई लड़ने की
बात कही।
यादव ने यहां संवाददाता सम्मेलन में पत्रकारों से कहा, "इस निर्णय से न्याय
नहीं हुआ है। चुनाव आयोग का निर्णय, जिसने घर बनाया है उसे ही घर से बाहर
करने के फैसले जैसा है। मेरे वकील इस मामले को देख रहे हैं और जल्द ही इस
संबंध में निर्णय लिया जाएगा। हमारी लड़ाई जारी रहेगी।" ये भी पढ़ें - अपने राज्य / शहर की खबर अख़बार से पहले पढ़ने के लिए क्लिक करे
वह चुनाव आयोग द्वारा 'तीर' निशान नीतीश की अगुवाई वाले धड़े को दिए जाने पर प्रतिक्रिया दे रहे थे।
जद-यू के पूर्व अध्यक्ष यादव ने कहा कि चुनाव आयोग के निर्णय से 'लोकतंत्र बचाने की' लड़ाई में कोई फर्क नहीं पड़ेगा।
उन्होंने
कहा, "हम इस निर्णय से निराश नहीं हैं। हम अंतिम परिणाम के बारे में जानते
हैं लेकिन इसका मतलब यह नहीं है कि हमें अपनी लड़ाई रोक देनी चाहिए।
पार्टी चिह्न् को लेकर हमारी लड़ाई कानूनी है लेकिन वास्तविक मुद्दा जिसके
लिए हम लड़ रहे हैं, वह लोकतंत्र बचाने को लेकर है।"
यादव ने कहा,
"देश मुद्दों और सिद्धांतों पर चलता है। उनलोगों (नीतीश की अगुवाई वाले
गुट) ने बिहार के 11 करोड़ लोगों के जनमत का अपमान किया है।"
उन्होंने कहा, "उनलोगों ने मुद्दों और सिद्धांतों के साथ समझौता किया है। हम अपनी लोकतांत्रिक लड़ाई जारी रखेंगे।"
भविष्य
में अपनी पार्टी बनाने की ओर इशारा करते हुए यादव ने कहा, "उन्होंने
कांग्रेस के साथ चर्चा की है और उनके उम्मीदवार गुजरात विधानसभा चुनाव में
'ऑटो रिक्शा' चुनाव चिह्न् पर चुनाव लड़ सकते हैं।"
उन्होंने कहा,
"बातचीत पूरी हो गई है। कांग्रेस गुजरात में प्रेरक शक्ति(ड्राइविंग फोर्स)
है और वह सीटों व उम्मीदवारों की घोषणा कर सकती है।"
यादव की अगुवाई वाला जद-यू गुट गुजरात में छोटूभाई वसावा के नेतृत्व में चुनाव लड़ रहा है।
चुनाव
आयोग द्वारा अयोग्य ठहराए जाने और इस मामले के राज्यसभा के सभापति के पास
लंबित रहने पर सवाल पूछे जाने पर उन्होंने कहा, "जब आप लोकतंत्र के लिए
लड़ते हो तो कठिनाइयां आती है लेकिन मैं किसी के समक्ष झुका नहीं हूं। आप
मेरा बायोडाटा देख सकते हैं। मैंने अपना संपूर्ण जीवन राजनीति को दिया है
लेकिन कभी सिद्धांतों से समझौता नहीं किया।"
शरद यादव के करीबी माने
जाने वाले जावेद रजा ने कहा कि वे लोग चुनाव आयोग के निर्णय को विस्तार से
देख रहे हैं और वकीलों के साथ बातचीत करने के बाद आगे की कार्रवाई पर
विचार करेंगे।
उन्होंने कहा, "हमारे पास उच्च न्यायालय का दरवाजा खटखटाने का भी विकल्प है।"
आईएएनएस
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