नई दिल्ली। वस्तु एवं सेवा कर (जीएसटी) के कार्यान्वयन से ‘बुरी तरह प्रभावित’ सूक्ष्म, घरेलू और मध्यम (एमएसएमई) सेक्टर को राहत प्रदान करने के लिए भारतीय रिजर्व बैंक (आरबीआई) ने बुधवार को उन्हें बैंकों को अपने कर्ज के भुगतान की समय सीमा का 180 दिनों का विस्तार दे दिया है। इसके अलावा, आरबीआई ने प्राथमिकता वाले क्षेत्र के तहत सेवा क्षेत्र में एमएसएमई पर क्रेडिट कैप्स को भी हटा दिया है। आरबीआई के डिप्टी गवर्नर एन.एस. विश्वनाथन ने कहा कि जीएसटी लागू होने के बाद छोटी संस्थाओं के नकदी प्रवाह पर प्रतिकूल प्रभाव पड़ा, जिससे वे बैंकों और गैर-बैंकिंग वित्तीय कंपनियों (एनबीएफसी) को समय पर कर्ज लौटाने में कठिनाइयों का सामना कर रहे हैं। ये भी पढ़ें - अपने राज्य - शहर की खबर अख़बार से पहले पढ़ने के लिए क्लिक करे
उन्होंने कहा, ‘‘औपचारिक कारोबारी माहौल को समर्थन प्रदान करने के लिए एक उपाय के रूप में, यह निर्णय लिया गया है कि जीएसटी पंजीकृत एमएसएमई के लिए... जिन्होंने एक सितंबर, 2017 की अवधि के पहले कर्ज लिया है और उन्हें एक सितंबर, 2017 और 31 जनवरी, 2018 के बीच बैंकों और एनबीएफसी से लिए गए कर्ज का भुगतान करना था, उन्हें अपने मूल भुगतान तिथि से 180 दिन तक का विस्तार दिया गया है।’’
वित्तमंत्री अरुण जेटली ने एक फरवरी को बजट प्रस्तुत करते हुए एमएसएमई क्षेत्र को बढ़ावा देने के लिए राहत उपायों की घोषणा की थी, जो कि देश में सबसे बड़ा नियोक्ता है। एमएसएमई कंपनियों के लिए कराधान की दर को घटाकर 25 फीसदी कर दिया गया है, जिसके अंतर्गत 250 करोड़ रुपये तक का कारोबार करनेवाली इकाइयां आएंगी।
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