नई दिल्ली। राहुल गांधी को कांग्रेस पार्टी का राष्ट्रीय अध्यक्ष चुने जाने के बाद देशभर में कांग्रेस कार्यकर्ता जश्न मना रहे है। रविवार को पार्टी की ओर से राहुल की ताजपोशी का अधिकारिक ऐलान होने के बाद अमेठी में भी कांग्रेसी कार्यकर्ताओं ने जमकर जश्न मनाया। ये भी पढ़ें - अपने राज्य - शहर की खबर अख़बार से पहले पढ़ने के लिए क्लिक करे
कांग्रेस नेता मुल्लापल्ली रामचंद्रन ने इसकी घोषणा करते हुए कहा, नामांकन के 89 प्रस्ताव दाखिल किए गए थे। सभी वैध पाए गए. केवल एक ही उम्मीदवार मैदान में है। इसलिए मैं भारतीय राष्ट्रीय कांग्रेस के अध्यक्ष पद पर राहुल गांधी के निर्वाचन की घोषणा करता हूं।
राहुल गांधी के सामने ये है चुनौतियां-
राहुल
गांधी कई प्रकार की चुनौतियों का सामना करना पडेगा। उनके सामने सबसे बडी
चुनौती है कि उन्हें संगठन के लिए कुछ कर दिखाना है। सोनिया गांधी के बाद
राहुल गांधी भी कहते रहे हैं कि संगठन में बदलाव हो या इसे मज़बूत बनाया
जाए, लेकिन प्रदेशों में संगठनों में कोई बदलाव नहीं आया।
अगले साल सात-आठ राज्यों में चुनाव होने हैं। उसके साथ-साथ लोकसभा चुनाव की तैयारी भी चलती रहेगी।
कांग्रेस
के पास इतिहास में सबसे कम 44 लोकसभा सीटें हैं। इमरजेंसी के पास पहली बार
ऐसा हुआ है जब हिमाचल, पंजाब, कर्नाटक जैसे चुनिंदा 5 राज्यों में ही
कांग्रेस की सरकार है।
पिछले 19 साल में जब बागडोर सोनिया के पास थी
तब प्रणब मुखर्जी, मनमोहन सिंह या राहुल गांधी अपने-अपने दौर में जाहिर
तौर पर पार्टी में नंबर-2 थे। अब राहुल के प्रेसिडेंट बन जाने के बाद बड़ा
सवाल यह है कि पार्टी में नंबर-2 कौन होगा?
राहुल के सामने सबसे
ज्वलंत चुनौती गुजरात चुनाव है और उसके बाद 2019 के लोकसभा चुनाव। अब सवाल
ये है क्या राहुल गांधी अपनी मां सोनिया गांधी की तरह कांग्रेस को 2004 और
2009 जैसी जीत दिलाने में कामयाब हो पाएंगे?
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