ज्ञातव्य है कि नोटबंदी और जीएसटी के बाद गिरी जीडीपी को लेकर मोदी सरकार
पर सवाल खडे हो रहे हैं। सरकार को अपनी ही पार्टी के शीर्ष नेताओं के विरोध
का सामना करना पड रहा है। ऐसे में आर्थिक परिषद के सामने गिरती
अर्थव्यवस्था को संभालना बडी चुनौती होगी। ज्ञातव्य है कि वित्त वर्ष
2017-18 की पहली तिमाही में जीडीपी की दर 5.7 प्रतिशत दर्ज की गई थी जोकि
बीते तीन सालों का निम्मतम स्तर है। ये भी पढ़ें - शर्त या पागलपंथी!निगली एक फुट लंबी संडासी
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