नई दिल्ली। तीन तलाक को अपराध करार देने वाले विधेयक का विरोध करते हुए हैदराबाद के सांसद असदुद्दीन ओवैसी ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की पत्नी का जिक्र किया और पति से अलग गुजरात में रह रहीं जसोदा बेन के लिए भी न्याय सुनिश्चित करने की मांग की। ओवैसी ने गुरुवार को लोकसभा में कहा, ‘‘गुजरात की हमारी भाभी सहित पति द्वारा छोड़ी गईं सभी धर्मों की 20 लाख महिलाओं’ के लिए भी न्याय सुनिश्चित किया जाना चाहिए।’’कानून मंत्री रविशंकर प्रसाद द्वारा मुस्लिम महिला (अधिकार संरक्षण व विवाह) विधेयक का मसौदा पेश किए जाने के बाद ऑल इंडिया मजलिस ए-इत्तेहादुल मुस्लिमीन के सांसद ने कहा कि यह मूल अधिकारों का हनन करता है। उन्होंने कहा कि इस विधेयक पर पर्याप्त सलाह नहीं ली गई है। ये भी पढ़ें - अपने राज्य - शहर की खबर अख़बार से पहले पढ़ने के लिए क्लिक करे
ओवैसी ने कहा, ‘‘यह मुस्लिम महिलाओं के साथ अन्याय होगा... एक कानून बनाइए, जिसमें दूसरे धर्मों की 20 लाख महिलाओं को, जिन्हें त्याग दिया गया, उन्हें न्याय मिले। इसमें हमारी गुजरात की भाभी भी शामिल हैं।’’उन्होंने तीन तलाक के लिए नया कानून बनाने की जरूरत पर सवाल उठाया, क्योंकि घरेलू हिंसा के लिए बने कानून से ही ऐसे मामलों को रोका जा सकता था।
तीन तलाक पीडि़त महिलाओं के भरण-पोषण के अधिकार के प्रावधान का जिक्र करते हुए उन्होंने कहा, ‘‘मौजूदा कानूनी ढांचे में सामंजस्य का आभाव है। विधेयक में कहा गया है कि पति को जेल भेजा जाएगा व इसमें यह भी कहा गया कि वह गुजारा भत्ता देगा....जो व्यक्ति जेल में रहेगा, वह कैसे गुजारा भत्ता देगा?’’
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