नई दिल्ली। तीन तलाक पर आज सुप्रीम कोर्ट ने फैसला सुनाते हुए इसे असंवैधानिक बताया है और 6 माह के लिए इस पर रोक लगा दी है। साथ ही सरकार को 6 माह के भीतर तीन तलाक पर कानून बनानेे के लिए कहा है। सभी राजनीतिक दलों ने सुप्रीम कोर्ट के इस फैसले का स्वागत किया है। वहीं मुस्लिम पर्सनल लॉ बोर्ड सुप्रीम कोर्ट के फैसले पर दो फाड हो गया है। मुस्लिम पर्सनल लॉ बोर्ड के कुछ सदस्य सुप्रीम कोर्ट के फैसले से खुश हैं तो कुछ इस फैसले से नाखुश भी नजर आ रहे हैं। ज्ञातव्य है कि मुस्लिम पर्सनल लॉ बोर्ड शुरू से ही तीन तलाक के पक्ष में रहा है। जब पीडित महिलाओं ने तीन तलाक के खिलाफ सुप्रीम कोर्ट का दरवाजा खटखटाया था तो मुस्लिम पर्सनल लॉ बोर्ड ने तीन तलाक केे पक्ष में देश भर की 3 करोड मुस्लिम महिलाओं से हस्ताक्षर कराकर सुप्रीम में दलील दी थी कि मुस्लिम महिलाएं पक्ष में है। ये भी पढ़ें - अपने राज्य - शहर की खबर अख़बार से पहले पढ़ने के लिए क्लिक करे
सुप्रीम कोर्ट के फैसले पर दो धडों में बंटा मुस्लिम पर्सनल लॉ बोर्ड:
मीडिया रिपोर्ट की मानें तो तीन तलाक पर सुप्रीम कोर्ट के फैसले को लेकर मुस्लिम पर्सनल लॉ बोर्ड दो धडों में बंट गया है। मीडिया रिपोर्ट के अनुसार मुस्लिम पर्सनल लॉ बोर्ड के शिया गुट सुप्रीम कोर्ट के पक्ष में है, तो सुन्नी गुट इस फैसले के खिलाफ है। ऑल इण्डिया शिया पर्सनल लॉ बोर्ड के प्रवक्ता मौलाना यासूब अब्बास ने सुप्रीम कोर्ट के फैसले का स्वागत करते हुए कहा कि अब देश में तीन तलाक के नाम पर मुस्लिम महिलाओं के साथ होने वाले अन्याय को रोका जा सकेगा।
संजय सिंह का आरोप: शराब घोटाले में पूरी तरह लिप्त है बीजेपी, ये कमल छाप घोटाला है
लोकसभा चुनाव 2024 - राजस्थान में दांव पर केंद्रीय गृहमंत्री अमित शाह की प्रतिष्ठा
पंजाब में कांग्रेस को बड़ा झटका, भाजपा में शामिल हुए तजिंदर सिंह बिट्टू और करमजीत कौर
Daily Horoscope