नई दिल्ली। भारत में बढ़ते भ्रष्टाचार को लेकर केन्द्र सरकार अब सख्त नजर आ रही हैं। केन्द्र की मोदी सरकार ने भ्रष्ट अधिकारियों के खिलाफ तेज डिपार्टमेंटल प्रोसीडिंग के लिए नई प्रणाली शुरू की है जिसको "ऑनलाइन डिपार्टमेंटल प्रोसिडिंग प्रोसेसिंग सिस्टम" नाम दिया गया है। ये भी पढ़ें - अपने राज्य - शहर की खबर अख़बार से पहले पढ़ने के लिए क्लिक करे
मीडिया रिपोर्ट्स की माने तो केंद्रीय मंत्री जितेंद्र सिंह ने बताया कि पीएम मोदी ने पिछले कुछ सालों में कई मुद्दों को लेकर हमसे बातचीत की है, लेकिन भ्रष्टाचार को लेकर जीरो टॉलरेंस की बात उन्होंने बड़े स्तर पर की है। सिंह ने बताया कि प्रधानमंत्री मोदी की इसी सोच के चलते अब भ्रष्टाचार पर लगाम लगाने हेतु सरकार सख्त कदम उठाएगी। इस सिस्टम के तहत यदि किसी अधिकारी या कर्मचारी पर भ्रष्टाचार के आरोप लगे तो उसके खिलाफ त्वरित कार्रवाई होगी। मंत्री जितेंद्र सिंह ने बताया कि इस सिस्टम से दोषी और बेकसूर अधिकारियों में फर्क किया जा सकेगा और उनके खिलाफ कार्रवाई करने में आसानी होगी।
इस सिस्टम से दो साल के अंदर-अंदर किसी भी अधिकारी की डिपार्टमेंटल प्रोसिडिंग की जांच हो सकेगी। इससे पहले भ्रष्टाचार जैसे मामलों पर 8 से 10 साल का समय लग जाता था। मीडिया रिपोर्ट्स की माने तो मोदी सरकार ने पिछले 2-3 सालों में 126 अधिकारियों को प्रीमेच्योर रिटायरमेंट भी दिया है। सिंह के अनुसार प्रधानमंत्री मोदी ने अधिकारियों की कार्यप्रणाली व कार्य में गुणवत्ता ठीक नहीं होने के चलते ऐसा किया। उन्होने बताया कि केंद्रीय सचिवालय सर्विस के 29 अधिकारी भी अभी जांच की रडार पर हैं। वहीं 3,500 अधिकारियों को वर्तमान में अलग-अलग तरीके के भ्रष्टाचार के मामलों में जांच का सामना करना पड़ रहा है।
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