नई दिल्ली। वित्त मंत्री अरुण जेटली ने कहा है कि आतंकी संगठन इस्लामिक स्टेट (आईएसआईएस) जैसी वैचारिकी उग्र वामपंथी विचारधारा में घुल-मिल रही है। हालांकि, जेटली ने यह भी कहा कि दूसरे देशों की तरह अभी भारत में इस्लामिक स्टेट का खतरा प्रभावी नहीं हुआ है। एक सेमिनार में अरुण जेटली ने रविवार को कहा है कि राजनीतिक स्वायत्तता की मांग एक इस्लामिक मूवमेंट को जन्म दे रही है। आप इसके संकेत पूरे भारत में देख सकते हैं। उन्होंने कहा, मुझे लगता है कि भारत इस मामले में सौभाग्यशाली है कि दूसरे देशों की तुलना में यहां आईएस के तत्व कम हैं। हालांकि, कुछ जगहों पर इनकी वैचारिकी और उग्र वामपंथ की वैचारिकी आपस में मिलती दिख रही है। ये भी पढ़ें - अपने राज्य - शहर की खबर अख़बार से पहले पढ़ने के लिए क्लिक करे
जेटली ने जेएनयू में पिछली साल हुई घटना का जिक्र करते हुए कहा कि उक्त घटना इस बात की गवाही भी देती है। जेटली ने कहा कि पश्चिम बंगाल और केरल जैसे राज्यों में वामपंथ का काफी असर पड़ा था। हालांकि उन्होंने दावा किया कि अब इन राज्यों से इसका असर समाप्त हो रहा है। जेटली ने कहा कि इनकी विचारधारा आम आदमी की समस्याओं को उठाने की थी जो बाद में बदल गई। पारंपरिक तौर पर लेफ्ट और राइट पॉलिटिकल ब्रैंड अब खत्म हो रहे हैं। जेटली ने कहा कि सोवियत संघ के विघटन और चीन द्वारा राज्य नियंत्रित अर्थव्यवस्था के परित्याग से अब इनका चुनावी महत्व भी खत्म होता जा रहा है। जेटली ने दावा किया कि पश्चिम बंगाल और केरल से भी यह वैचारिकी साफ हो रही है और बीजेपी के लिए समर्थन बढ़ रहा है।
इस सवाल पर भडक़े अरुण जेटली, लगाई फटकार
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