नई दिल्ली । भारतीय सेना के लेफ्टिनेंट जनरल देवेन्द्र प्रताप पांडे ने 15वीं कोर के मुख्यालय में में लेफ्टिनेंट जनरल अमरदीप सिंह औजला को रणनीतिक तौर पर अहम माने जाने वाले कश्मीर की कमान सौंपी है। लेफ्टिनेंट जनरल देवेंद्र प्रताप पांडे ने 2021 के एक कोर की कमान संभाली थी और इस दौरान उन्होंने कई अहम कार्य किए। जहां एक तरफ उन्होंने कश्मीर में आतंकवाद की दोहरी चुनौतियों पर जीत दर्ज की। वहीं कोविड -19 महामारी की दूसरी लहर से निपटने में सफलता हासिल की। ये भी पढ़ें - अपने राज्य / शहर की खबर अख़बार से पहले पढ़ने के लिए क्लिक करे
लेफ्टिनेंट जनरल देवेन्द्र प्रताप पांडे के कार्यकाल में नियंत्रण रेखा में आतंकी घटनाएं कम हुई और वह बेहतर सुरक्षा वातावरण बनाने में कामयाब रहे। लेफ्टिनेंट जनरल देवेन्द्र प्रताप पांडे ने नागरिक प्रशासन और सुरक्षा बलों द्वारा कश्मीर में सामान्य स्थिति को वापस लाने अहम भूमिका निभाई और इस दौरान आतंकवाद और आतंकी घटनाओं में गिरावट देखी गई और अभी भी राज्य में आतंकी घटनाएं कम हो रही है। लेफ्टिनेंट जनरल देवेन्द्र प्रताप पांडे के नेतृत्व में तकनीकी का इस्तेमाल नियंत्रण सीमा पर किया गया और मजबूत घुसपैठ-रोधी ग्रिड द्वारा एकीकृत नियंत्रण रेखा पर सीमा पार से होने वाली घुसपैठ को कम किया गया।
सीमा पर स्थित स्थानीय लोगों को दी सहायता
लेफ्टिनेंट जनरल देवेन्द्र प्रताप पांडे ने संघर्ष विराम उल्लंघन समझौते के दौरान नियंत्रण रेखा पर रहने वाली स्थानीय आबादी को मदद दी गई। गौरतलब है कि सीमा पार से होने वाली फायरिंग के कारण स्थानीय आबादी को काफी नुकसान होता था। लेकिन स्थानीय लोगों की मदद करने के लिए कार्ययोजना तैयार की और इसके अब लोगों का फायदा मिल रहा है। इसके साथ ही कश्मीर में स्थानीय स्तर पर होने वाली हिंसा को खत्म करने लिए उन्होंने सुरक्षा बलों के लिए रणनीति तैयार की। जिसके तहत जम्मू और कश्मीर पुलिस और अन्य सीएपीएफ के साथ मिलकर, आतंकवादियों को खत्म किया गया।
युवाओं को गुमराह करने वालों के खिलाफ की गई कार्रवाई
अगर बात कश्मीर में होने वाली आतंकी घटनाओं की करें तो पिछले कुछ समय से घाटी में आतंकी घटनाएं कम हुई है। असल में लेफ्टिनेंट जनरल देवेन्द्र प्रताप पांडे आतंकी संगठनों में नए युवाओं की भर्ती को कम करने और स्थानीय आतंकवादियों को आत्मसमर्पण के लिए प्रेरित किया। इसके लिए उनके नेतृत्व में रणनीती तैयार की गई और आतंकवादियों के परिवारों से के साथ बैठक कर उन्हें मुख्य धारा में लाने का प्रयास किया गया। इसके साथ ही व्हाइट कॉलर यानी पीछे से युवाओं को गुमराह करने और हिंसा के रास्ते पर मजबूर करने वालों को चिन्हित कर उनके खिलाफ कार्रवाई की गई।
सैनिक और नागरिकों के बीच स्थापित किया रिश्ता
लेफ्टिनेंट जनरल पांडे ने घाटी में आतंकी घटनाओं को कम करने के लिए स्थानीय लोगों से मदद ली और उन्होंने सैनिक और स्थानीय नागरिकों के बीच ब्रिज स्थापित किया। सोपोर, शोपियां, दर्दपोरा, त्रेहगाम और कश्मीर के दूरदराज के इलाकों में यात्रा कर उन्होंने स्थानीय लोगों के मन में सेना और सैनिकों के प्रति सम्मान बढ़ाने और विश्वास स्थापित करने के लिए कई कार्यक्रम आयोजित किए। जिसमें खेलों, संस्कृति, कला, शिक्षा, कौशल और स्वास्थ्य कार्यक्रमों के जरिए स्थानीय लोगों में विश्वास पैदा किया गया।
राष्ट्रपति ने किया सम्मानित
कश्मीर में शांति और स्थिरता के लिए लेफ्टिनेंट जनरल देवेंद्र प्रताप पांडे के योगदान के लिए राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद ने उन्हें प्रतिष्ठित 'उत्तम युद्ध सेवा पदक' से नवाजा। अपने विदाई संदेश में, लेफ्टिनेंट जनरल पांडे ने कहा कि चिनार कोर के सैनिकों के साथ बिताया गया समय उन्हें हमेशा याद रहेगा। उन्होंने सैनिकों और अफसरों को उनके समर्पण और कड़ी मेहनत के लिए बधाई दी। इसके साथ ही उन्होंने जेकेपी, सीएपीएफ, नागरिक प्रशासन और समुदाय की भी सराहना की और कहा कि चिनार कोर के साथ ये रिश्ता आगे भी ऐसे ही कायम रहेगा।
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