नई दिल्ली। दिल्ली हाईकोर्ट ने मंगलवार को हनीप्रीत इंसां की अग्रिम जमानत याचिका खारिज कर दी। हनीप्रीत खुद को 20 साल कारावास की सजा काट रहे डेरा सच्चा सौदा के प्रमुख गुरमीत राम रहीम सिंह की दत्तक पुत्री बताती है। न्यायमूर्ति संगीता ढींगरा सहगल ने आज ही दाखिल की गई याचिका पर कहा, याचिका औचित्यपूर्ण नहीं है। हनीप्रीत हरियाणा में गिरफ्तारी से बच रही है। हनीप्रीत ने अपनी याचिका में कहा है कि हरियाणा में उनकी जान को खतरा है। उसके वकील प्रदीप कुमार आर्य ने पीठ से कहा कि मेरी मुवक्किल जांच में शामिल होना चाहती हैं, लेकिन गिरफ्तारी से बचना चाहती हैं। दिल्ली हाई कोर्ट ने मंगलवार रात करीब 8 बजे दिए अपने फैसले में हनीप्रीत की अग्रिम जमानत अर्जी खारिज कर दी। ये भी पढ़ें - अपने राज्य - शहर की खबर अख़बार से पहले पढ़ने के लिए क्लिक करे
कोर्ट ने कहा कि दिल्ली हाई कोर्ट का यह मामला नहीं है बल्कि हनीप्रीत चाहें तो पंजाब ऐंड हरियाणा हाई कोर्ट जा सकती हैं। दिल्ली का जूरिस्डिक्शन बनाने के लिए यहां का पता दिया गया था। अदालत ने अर्जी खारिज कर दी। हाई कोर्ट ने कहा कि हनीप्रीत गिरफ्तारी से बच रही है इसलिए उसे कोई राहत नहीं दी जा सकती। कोर्ट ने कहा कि दिल्ली में सिर्फ इसलिए याचिका डाली गई ताकि हनीप्रीत को गिरफ्तारी से बचने के लिए और ज्यादा वक्त मिल सके और हरियाणा में चल रही कानूनी प्रक्रिया को लटकाया जाए। हाई कोर्ट ने हनीप्रीत की अग्रिम ट्रांजिट बेल की अर्जी पर सुनवाई के दौरान टिप्पणी करते हुए कहा था कि उनके लिए सबसे आसान रास्ता ये होता कि वह सरेंडर कर दें।
इससे पहले मंगलवार को सुनवाई के दौरान कोर्ट ने हनीप्रीत के वकील से पूछा कि पंजाब और हरियाणा हाई कोर्ट की जगह दिल्ली हाई कोर्ट में याचिका क्यों डाली गई। कोर्ट ने यह भी कहा कि हनीप्रीत कोर्ट में सरेंडर क्यों नहीं कर देती। सोमवार को हनीप्रीत ने अपने वकील के जरिए दिल्ली हाई कोर्ट में अग्रिम जमानत याचिका दाखिल की है। हनीप्रीत के वकील प्रदीप आर्य का कहना है कि हनीप्रीत सोमवार को अग्रिम जमानत अर्जी पर साइन करने के लिए उनके ऑफिस पहुंची थी।
हनीप्रीत के वकील प्रदीप कुमार आर्य ने दिल्ली हाई कोर्ट के सामने 3 सप्ताह के लिए हनीप्रीत को ट्रांजिट बेल देने की मांग की है। दिल्ली हाई कोर्ट ने हनीप्रीत की बेल याचिका पर सुनवाई करते हुए पूछा कि यह याचिका दिल्ली हाई कोर्ट के अधिकारक्षेत्र में कैसे आई? हनीप्रीत के वकील ने जवाब देते हुए कहा कि उसके पास दिल्ली में घर है और उसे गिरफ्तारी का डर था। कोर्ट ने कहा कि हनीप्रीत को सरेंडर करना चाहिए। इसके बाद कोर्ट ने फैसला सुरक्षित रख लिया। कोर्ट आज ही शाम साढ़े 6 बजे के बाद हनीप्रीति की याचिका का निपटारा कर सकता है।
इससे पहले, चीफ जस्टिस गीता मित्तल ने हल्के अंदाज में वकील से पूछा कि हनीप्रीत कहां है? जवाब में वकील ने कोर्ट से कहा कि हनीप्रीत की जान को खतरा है। हरियाणा के डीजीपी भी इस बारे में आशंका जता चुके हैं, इसलिए वह दिल्ली में याचिका दायर कर रही है। हनीप्रीत द्वारा दायर जमानत याचिका में कहा गया है कि उसकी जान को पंजाब और हरियाणा के ड्रग्स व्यापारियों से खतरा है। अर्जी में हनीप्रीत ने खुद को साफ सुथरा जीवन जीने वाली एक सिंगल महिला बताया है जो कानून का पालन करती है और पुलिस जांच में सहयोग को तैयार है।
इधर, हरियाणा पुलिस ने मंगलवार को डेरा प्रमुख गुरमीत राम रहीम सिंह की गोद ली हुई बेटी हनीप्रीत और आदित्य इंसां को गिरफ्तार करने के उद्देश्य से दिल्ली में कई स्थानों पर छापेमारी की। पुलिस ने हनीप्रीत और आदित्य इंसां को भगोड़ा घोषित किया हुआ है। पुलिस सूत्रों का कहना है कि ये छापेमारी दिल्ली और राष्ट्रीय राजधानी क्षेत्र (एनसीआर) के आसपास के क्षेत्रों में की जा रही है। दक्षिण दिल्ली के ग्रेटर कैलाश 2 के एक घर में भी छापेमारी की गई। पुलिस ने यह कदम हनीप्रीत के उस कदम के बाद उठाया है, जिसमें उसने अग्रिम जमानत के लिए दिल्ली उच्च न्यायालय का रुख किया था। हनीप्रीत का वास्तविक नाम प्रियंका तनेजा है।
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