नई दिल्ली। केंद्रीय वित्तमंत्री अरुण जेटली ने मंगलवार को कहा कि कपड़ा व्यापारियों की कपड़ों को वस्तु एवं सेवा कर (जीएसटी) से छूट देने की मांग को स्वीकार नहीं किया जा सकता, क्योंकि इसके बाद रेडीमेड वस्त्र निर्माता लागत कर का लाभ नहीं उठा पाएंगे। जेटली ने राज्यसभा में एक लिखित जवाब में कहा, कपड़ा उद्योग पर जीएसटी की दरों के बारे में जीएसटी परिषद में विस्तार से विचार-विमर्श किया गया। कपड़ों पर शून्य जीएसटी से इनपुट क्रेडिट की श्रृंखला प्रभावित होगी और वस्त्र निर्माता पिछले चरण पर चुकाए गए कर का क्रेडिट हासिल नहीं कर पाएंगे। ये भी पढ़ें - अपने राज्य - शहर की खबर अख़बार से पहले पढ़ने के लिए क्लिक करे
जेटली ने कहा कि कपड़ों पर शून्य जीएसटी से आयातित वस्त्रों पर जीएसटी की दर शून्य हो जाएगी, जबकि घरेलू वस्त्र निर्माताओं को इनपुट कर का बोझ उठाना पड़ेगा। वहीं, कपड़ा उद्योग आयातित कपड़ों पर शून्य रेटिंग की मांग कर रहा है और कह रहा है कि इस क्षेत्र से कभी कर नहीं वसूला गया। कपड़ा उद्योग का कहना है कि कर की दर और अनुपालन लागत के चलते जीएसटी के तहत कपड़ा 10-12 फीसदी महंगा हो जाएगा, जिससे भारतीय वस्त्र उद्योग विश्व स्तर पर अप्रतिस्पर्धी हो जाएगा।
कोर्ट को आप ने राजनीतिक अखाड़ा बना दिया है, भारतीय न्यायपालिका को बदनाम करने की कोशिश : शहजाद पूनावाला
हुर्रियत कॉन्फ्रेंस के अध्यक्ष मीरवाइज उमर फारूक कश्मीर में नजरबंद
शराब घोटाला मामला: एक अप्रैल तक ईडी की हिरासत में केजरीवाल
Daily Horoscope