नई दिल्ली। तमाम झंझावतों और 19 साल लंबे इंतजार के बाद ब्रिटेन (लंदन) से प्रत्यार्पित कराकर अंतर्राष्ट्रीय क्रिकेट सट्टेबाज संजीव चावला उर्फ संजय को दिल्ली ले आया गया। चावला के भारत पहुंचते ही एक और सनसनीखेज खुलासा हो गया। यह खुलासा उन्होंने गुरुवार रात विशेष बातचीत में किया। ये भी पढ़ें - अपने राज्य / शहर की खबर अख़बार से पहले पढ़ने के लिए क्लिक करे
अंतर्राष्ट्रीय क्रिकेट में सट्टेबाजी की जड़ें सबसे पहले खोदने वाले दिल्ली पुलिस के सहायक पुलिस आयुक्त (एसीपी) ईश्वर सिंह ही थे।
एक जमाने में ईश्वर सिंह ही दिल्ली पुलिस के वो इकलौते और पहले पुलिस इंस्पेक्टर थे (सन् 2000 में दिल्ली पुलिस अपराध शाखा की एंटी एक्सटॉर्शन सेल में तैनात) जिन्होंने, पूरे मामले का भंडाफोड़ किया। अब दिल्ली के दक्षिणी जिले के सफदरजंग इन्क्लेव सब-डिवीजन में सहायक पुलिस आयुक्त के पद पर तैनात ईश्वर सिंह के मुताबिक, संजीव चावला को मैंने पहली बार मार्च 2000 में देखा। उस वक्त वो दिल्ली के होटल ताज मानसिंह की लॉबी में टहल रहा था।"
उन्होंने आगे कहा कि दरअसल, दुबई से करोड़ों रुपये की धन-वसूली मामले की मैं तफ्तीश कर रहा था। उसी दौरान मुझे दुबई से आई एक टेलीफोन कॉल पर संदेह हुआ। छानबीन की और टेलीफोन की बातचीत सुनी तो वो नंबर दिल्ली पुलिस को कैसेट किंग गुलशन कुमार के छोटे भाई किशन कुमार तक ले गया। कड़ी से कड़ी मिलती गयी।
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