नई दिल्ली। कोबरापोस्ट की जांच पड़ताल में कई बॉलीवुड सेलेब्रिटीज पैसे लेकर राजनीतिक दलों के लिए सोशल मीडिया पर प्रचार करने के लिए हामी भरते पकड़े गए हैं। इसने भले ही अंतरात्मा को झकझोर कर रख दिया हो लेकिन उन्हें ऐसा करने से रोका नहीं जा सकता है, क्योंकि संबंधित भारतीय कानून इस मुद्दे पर चुप है। ये भी पढ़ें - अपने राज्य - शहर की खबर अख़बार से पहले पढ़ने के लिए क्लिक करे
कोबरापोस्ट के स्टिंग में पता चला है कि भारतीय फिल्म और टीवी उद्योग के 30 से अधिक अभिनेता/अभिनेत्रियां पैसों की खातिर सोशल मीडिया पर अपने निजी खातों के माध्यम से राजनीतिक दलों के प्रचार-प्रसार पर सहमत हुए हैं। देश के शीर्ष साइबर कानून विशेषज्ञ पवन दुग्गल ने आईएएनएस से कहा कि राजनीतिक दलों से पैसे लेकर उनके हित में ट्वीट करना अनैतिक जरूर है, लेकिन गैर-कानूनी नहीं है। सूचना प्रौद्योगिकी अधिनियम, 2000 इस पर पूरी तरह से चुप है।
जांच से जो पता चला है वह प्रभावशाली लोगों द्वारा की जा रही मार्केटिंग का बहुत छोटा सा हिस्सा है। सोशल मीडिया के बढ़ते प्रभाव से विज्ञापन की यह एक नई अर्थव्यवस्था पैदा हुई है। दुनियाभर में इंस्टाग्राम के 1 अरब से ज्यादा सक्रिय मासिक यूजर्स हैं। वहीं, इसकी पैरेंट कंपनी फेसबुक के 2.3 अरब से ज्यादा सक्रिय मासिक यूजर्स हैं और ट्विटर पर रोजाना 1.6 करोड़ लोग लॉग इन करते हैं। वाट्सएप एक दूसरा शक्तिशाली प्लेटफॉर्म है, जिसके भारत में 20 करोड़ से ज्यादा यूजर्स हैं।
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