नई दिल्ली। मानसून सत्र के चौथे दिन आज राज्यसभा में विदेश मंत्री सुषमा स्वराज ने चीन के साथ सैन्य गतिरोध के मुद्दे पर चर्चा के दौरान कहा कि भारत और चीन के बीच सीमा रेखा को रेखांकित किया जाना है। विदेश मंत्री ने कहा कि डोकलाम में एक ट्राईजंक्शन है और 2012 में एक लिखित समझौते के अनुसार इसमें कोई फेरबदल भारत, चीन और भूटान के बीच चर्चा के बाद ही होगा। सुषमा स्वराज ने कहा कि इस पर कोई भी एकतरफा फैसला हमारी सुरक्षा व्यवस्था के लिए खतरा है। साथ ही सुषमा स्वराज ने कहा कि चीन लगातार किसी ना किसी काम के लिए वहां आता रहा है लेकिन इस चीन ट्राईजंक्शन प्वाइंट पर आ गया है। सुषमा स्वराज ने कहा कि चीन लगातार कह रहा है कि भारत अपनी सेना को वापस सीमा में बुलाए लेकिन चीन की बात मानना संभव नहीं है। ये भी पढ़ें - अपने राज्य - शहर की खबर अख़बार से पहले पढ़ने के लिए क्लिक करे
साथ ही उन्होंने कहा कि हम अपनी जगह सही हैं और अन्य देश इस बात को समझ रहे हैं। वहीं चीन के वन बेल्ट वन रोड नीति पर सुषमा ने कहा कि इस प्रोजेक्ट में चीन पाक आर्थिक कॉरिडोर को डाल रहे हैं, जिस पर भारत ने कडी आपत्ति जताई है।
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